Haryana Byelection: पहलवान योगेश्वर दत्त पर BJP ने लगाया बड़ा दांव, इस सीट से लड़ेंगे चुनाव

नई दिल्ली। एक तरफ देश में बिहार विधानसभा चुनाव ( Bihar Vidhan Sabha Chunav ) की सरगर्मी तेज है। वहीं, दूसरी ओर कुछ जगहों पर उपचुनाव (Byelection) की तैयारी भी जोर-शोर से चल रही है। इसी कड़ी में पहलवान योगेश्वर दत्त ( Yogeshwar Dutt ) एक बार फिर चुनावी अखाड़े में उतरने जा रहे हैं। योगेश्वर दत्त को बीजेपी ( BJP ) ने हरियाणा के बरोदा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि, पिछली बार इस सीट पर योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, बीजेपी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है।
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योगेश्वर दत्त पर BJP ने जताया भरोसा
दरअसल, हरियाणा के बरोदा विधानसभा सीट से कांग्रेस के कृष्णा हुड्डा विधायक थे। लेकन, उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गया। लिहाजा, इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है। अगामी तीन नवंबर को यहां वोटिंग होगी। बताया जा रहा है कि भाजपा ने एक बार फिर पहलवान योगेश्वर दत्त पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया है। दरअसल, 2019 विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने योगेश्वर दत्त को बरोदा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन, कांग्रेस नेता कृष्ण हुड्डा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, कुछ समय पहले कांग्रेस नेता का निधन हो गया। जिसके बाद यह सीट खाली हो गया था। वहीं, चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव कराने का फैसला किया है। इधर, बीजेपी से दोबारा टिकट मिलने पर योगेश्वर दत्त ने खुशी जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का भी आभार जाताया है।
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कांग्रेस का गढ़ है बरोद विधानसभा सीट
यहां आपको बता दें कि कांग्रेस ने अब तक इस सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। वहीं, बीजेपी को आज तक इस सीट पर जीत नहीं मिली है। क्योंकि, इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। अब देखना ये है कि योगेश्वर दत्त बीजेपी को इस सीट पर जीत दिलाने में कामयाब होते हैं या नहीं? गौरतलब है कि योगेश्वर दत्त साल 2012 के ओलंपिक में भारत को कांस्य पदक दिला चुके हैं। जबकि, राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने स्वर्ण जीता था। इतना ही नहीं साल 2013 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। अब सबकी नजर योगेश्वर दत्त पर एक बार फिर टिकी है कि वह सियासी अखाड़े में जीतते हैं या फिर पिछली बार की तरह हार का सामना करना पड़ेगा?
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