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Bihar Election 2020: पहले चरण की 71 सीटों पर मतदान कल, 8 मंत्रियों और एक पूर्व CM के भाग्य का होगा फैसला

पटना.

कोरोना काल में 70 देशों के चुनाव टलने के बीच अपवाद बने बिहार में पहले चरण के तहत बुधवार को 71 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। पहले दौर के मतदान में पूर्वी, मध्य व दक्षिणी बिहार की 71 सीटों पर नीतीश सरकार के आठ मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समेत कुल 1064 प्रत्याशियों की जीत-हार का फैसला होना है।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विशेष प्रबंधों के बीच वोटिंग करवाई जाएगी। चुनाव टालने के सुझाव खारिज कर चुनाव आयोग ने घोषणा करते हुए जब दलील दी थी कि 70 देशों में कोरोना काल की वजह से चुनाव टाल दिए गए, पर बिहार में तय समय पर चुनाव कराए जाएंगे। तभी यह लगने लगा था कि चुनाव के दौरान कोरोना और फैल सकता है। प्रचार के दौरान राज्य के उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कई भाजपा नेताओं के कोरोना पॉजिटिव होने से यह भी स्पष्ट हो गया कि चुनाव से महामारी और फैलने के मुहाने पर आ गई है।

कोरोना के कारण दुर्गा पूजा में मूर्ति स्थापना टाल दिए जाने पर आम लोगों में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई. विजयादशमी को रावण दहन नहीं देख पाए लोगों की तीखी प्रतिक्रिया सामने भी आई कि दुर्गा पूजा में मूर्ति स्थापित किए जाने से कोरोना फैल जाएगा, लेकिन चुनाव कराने से नहीं फैलेगा। सप्तमी से दशमी तक सड़कों पर हुजूम दिखने वाले शहरों में शांति और सन्नाटे के बीच सोमवार शाम पहले दौर के मतदान की तैयारियां पूरी होने के साथ चुनाव प्रचार का दौर थम गया। अब मतदान प्रतिशत और प्रत्याशियों के भाग्य के फैसलों पर सभी की निगाहें टिकी गई हैं।

कई सीटों पर होगा दिलचस्प मुकाबला

यह भी तय होने वाला है कि कितने लोग मतदान कर पाते हैं और कोरोना से बचाव के प्रोटोकॉल का किस हद तक पालन संभव हो पाता है। इस चरण के मतदान में कुल 375 प्रत्याशी करोड़पति हैं। इनमें से राजद के 39 उम्मीदवार हैं। मोकामा से कभी नीतीश के खास रहे बाहुबली अनंत सिंह ही 68 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, जो इस बार राजद प्रत्याशी बनकर उतरे हैं। जिन मंत्रियों के भाग्य का फैसला होना है उनमें कृषि मंत्री प्रेम कुमार, उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह, भूमि सुधार और निबंधन मंत्री रामनारायण मंडल, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश कुमार, संतोष कुमार तथा बृजकिशोर बिंद की किस्मत का फैसला भी पहले दौर के मतदान में हो जाएगा। भोजपुर के दिनारा में भाजपा के उपाध्यक्ष और संघ के बड़े संगठनकर्ता राजेंद्र सिंह, नोखा से युवा मोर्चा के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया, पालीगंज से भाजपा की पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी, बिक्रम से भाजपा के पूर्व विधायक अनिल कुमार समेत अनेक दिग्गज भाजपाई लोजपा प्रत्याशी के तौर पर एनडीए उम्मीदवारों की जीत का रास्ता रोक चुनाव को दिलचस्प मोड़ पर ले आए हैं। इमामगंज में हम नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी से जोरदार टक्कर है। भोजपुर की तरारी सीट से बाहुबली पूर्व विधायक सुनील पांडेय जदयू के बाद लोजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

पीएम के प्रति भाजपा का भरोसा दिखा तो तिलमिलाए नीतीश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भाजपा के विज्ञापन और नए तेवर के कारण मुख्यमंत्री व जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की तिलमिलाहट अब प्रत्यक्ष होने लगी है। सोमवार को प्रचार सभाओं में नीतीश अपने विरोधियों और एनडीए के बागियों पर भड़कते सुने गए। नीतीश के अमूमन शांत स्वभाव और सौहद्र्रपूर्ण व्यवहार के परिचित जनमानस को यह कतई रास नहीं आया। आम तौर पर यह नीतीश का चिड़चिड़ापन और चुनावी परिदृश्य के कारण उभरी तिलमिलाहट के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री की मतदान वाले दिन पटना और मुजफ्फरपुर में आयोजित हो रही दो रैलियों का आयोजन भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में केंद्रित है। पीएम के प्रति भाजपा के भरोसा वाले विज्ञापन से नीतीश कुमार के गायब रहने के साथ भाजपा के आत्मकेंद्रित प्रचार ने चुनावी माहौल का रुख थोड़ा मोड़ दिया है। देखना बाकी है कि चुनाव के आखिरी दौर तक कौन कौन से सियासी समीकरण साधे जाते हैं।

प्रियरंजन भारती.



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