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कोरोना काल में भी ऐतिहासिक रहा सदन का संचालन, Lok Sabha  में हर दिन पहुंचे 370 सांसद

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के डर से जहां लोग घर से बाहर निकलने से डर रहे हैं वहीं संसद के मानसून सत्र ने कई आयाम बनाए हैं। सांसदों ने कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा उठाते हुए सदन में ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज कराई। लोकसभा ( Lok Sabha ) में औसतन 370 सांसदों की उपस्थिति प्रतिदिन की रही।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के सफल संचालन और ऐतिहासिक उपस्थिति का श्रेय सांसदों के सामूहिक प्रयास को दिया है।

दरअसल, कोरोना महामारी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों के संक्रमण से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करवाने के बाद मानसून सत्र शुरू करवाया था। सांसदों को बैठने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई। यही वजह रही कि लोकसभा में सांसद अच्छी खासी संख्या में सदन की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे।

कुल सांसदों के करीब 68.65 फीसदी सांसद हर दिन सदन में मौजूद रहे। सबसे अधिक 383 सांसद 22 सितंबर को सदन में मौजूद रहे। इतना ही नहीं तीन बैठकें देर रात तक चली, जिनमें सांसदों ने भाग लेकर विधायी कार्य किए और अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन किया।

मोबाइल एप से 521 सांसदों ने दी उपस्थिति

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने के लिए इस बार सांसदों की उपस्थिति देने के लिए मोबाइल एप का उपयोग भी किया गया। इसको लेकर सांसदों ने जागरूकता दिखाई। सत्र के दौरान 521 सांसदों ने इस एप पर उपस्थिति दी।

समय-सुविधा नहीं, देशहित को सर्वोपरि माना

लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए असाधारण परिस्थितियों में संसद ने देश को सकारात्मक संदेश दिया है। इस ऐतिहासिक सफलता का श्रेय सभी सांसदों के सामूहिक प्रयासों को जाता है, जिन्होंने स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल की पालना करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग लिया। सांसदों ने समय-सुविधा को नहीं बल्कि देशहित को सर्वोपरि मानते हुए सदन की कार्यवाही में भाग लिया। मानसून सत्र ने देशवासियों के मन में एक नया विश्वास पैदा किया है।

जब देश सो रहा था, तब संसद चल रही थी

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान देवरिया से सांसद रामपति राम त्रिपाठी ने कहा कि एक समय था, जब आतंकियों की फांसी रुकवाने के लिए मध्य रात्रि को सुप्रीम कोर्ट खुलवाई गई थी। वहीं कोरोना महामारी के दौरान देश की संसद को मध्य रात्रि तक सुचारू रूप से चलाया गया। ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधाएं मिल सके। जब लगभग पूरा देश सो रहा हो, तब भी पूरी ऊर्जा के साथ सदन की कार्यवाही चलाई गई। इस तरह से सत्र चलाने का श्रेय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को जाता है।

फैक्ट फाइल

— सत्र प्रारंभ 14 सितम्बर

- 68 प्रतिशत समय में विधायी कार्य।

- 32 प्रतिशत समय में गैर-विधायी कार्य।

- अनुदानों की अनुपूरक मांगों पर 4 घंटे 38 मिनट चर्चा।

- 2300 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर सभा पटल पर रखे गए।

- शून्य काल में 370 लोक महत्व के मामले उठाए।

- नियम 377 के अधीन लोक महत्व के 181 मामले उठाए।

- मंत्रियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर 40 वक्तव्य दिए।

- कोविद-19 वैश्विक महामारी पर 5 घंटे 8 मिनट की विशेष चर्चा।

- मंत्रियों ने 855 पत्र सभा पटल पर रखे।



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