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COVID-19 के कारण बोर्ड परीक्षाओं का सिलेबस कम, जानें बच्चों की शिक्षा पर क्या पड़ा असर?

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (coronavirus) के कारण बच्चों की शिक्षा पर भी काफी बडा़ असर पड़ा है। 25 मार्च से देश में लॉकडाउन ( India Lockdown ) लागू हुआ है, उस वक्त से शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। हालांकि, Unlock के तहत कई चीजें दोबारा खुल चुकी हैं, लेकिन स्कूल-कॉलेज ( School College ) बंद हैं। वहीं, कोरोना काल के मद्देनजर CBSE समेत कई राज्यों ने बोर्ड सिलबेस ( Syllabus ) को कम कर दिया है। कहीं, 30 प्रतिशत तो कहीं 40 प्रतिशत की कटौती पाठ्यक्रम में की गई है। लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि सिलेबस कम करने से बच्चों की शिक्षा ( Education ) पर कितना असर पड़ा?

'सिलेबस कम होने से शिक्षा पर असर'

दरअसल, बोर्ड परीक्षा ( Board Exam ) का सिलेबस छात्रों के करियर के लिए काफी मायने रखता है। जिस तरह सिलेबस ( Syllabus ) को डिजाइन किया गया है, वह छात्रों को संगठित तरीके से छात्रों की पढ़ाई की योजना में काफी मदद करता है। जिससे छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने का मौक मिल सके। लेकिन, सिलेबस में कटौती से अब छात्र उस विषय-वस्तु से अनजान रह जाएंगे। परिणाम ये हो सकता है कि अगली कक्षा में उन्हें कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं उनके समुचित विकास पर भी इसका असर पड़ेगा। इसके अलावा जिन चीजों को सिलेबस से हटाया गया है, उसकी जानकारी उन्हें नहीं मिल पाएगी। इसके कारण अगली कक्षा में हो सकता है उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़े। छात्रों के लिए यह बड़ी चुनौती है कि एक तो कम समय में उन्हें बोर्ड की तैयारी करनी है और जो सिलेबस छूट जाएगा उसके लिए आगे उन्हें अतिरक्त समय लगेगा। क्योंकि, सरकार ने केवल एक साल के लिए ही सिलेेबस को कम किया है। अगली कक्षा में जाने पर छात्रों को फिर पुराने सिलेबस के अनुसार पढ़ाई होगी। लिहाजा, सिलेबस के कम हो जाने से अगली कक्षा में उस विषय के बारे में जानने में उन्हें ज्यादा परेशानी होगी और जानकारी भी कम हो जाएगी।

छात्रों के लिए यह बात अहम जरूरी

छात्रों के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि वह पहले रिवाइज्ड सिलेबस ( Revised Syllabus ) की जांच करें। जिसके आधार पर परीक्षा का आयोजना किया जाएगा और उनका आंतरिक मूल्यांकन होगा। यहां आपको बता दें कि छात्रों को NCERT पाठ्य पुस्तकों को फॉलो करना अनिवार्य होता है। पाठ्यक्रम में भले ही कटौती कर दी गई है। लेकिन, NCERT की किताबें वहीं रहेंगी। लिहाजा, छात्रों के लिए यह जरूरी हो गया है कि इस बार उन्हें किन चीजों को नहीं पढ़ना है। क्योंकि, अगर इस बारे में जानकारी नहीं हुई तो उन्हें सिलेबस को पूरा करने में काफी कठिनाई हो सकती है और परीक्षा परिणाम पर भी इसका असर पड़ सकता है। सिलेबस कम होने से छात्रों के सामने कई बड़ी चुनौती हो गई है। एक तो पाठ्यक्रम के बारे में उन्हें समय पर पूरी जानकारी मिले। साथ ही जो चीजें इस बार पढ़ाई नहीं होगी, उसकी भरपाई कैसे होगी? कुल मिलाक सिलेबस कम करने से छात्रों को इस बार कई तरह के नुकसान हुए हैं। साथ ही उनके शैक्षणिक विकास पर भी असर पड़ा है।



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