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रिया चक्रवर्ती का दावा-बयान देने के लिए किया गया मजबूर, हिरासत में...

अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने अपनी जमानत अर्जी में दावा किया है कि उन्हें हिरासत के दौरान बयान देने के लिए मजबूर किया गया। नारकोटिक्स सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा रिया की गिरफ्तारी के एक दिन बाद, यह पता चला है कि यहां की एक विशेष अदालत 10 सितंबर को अभिनेत्री और उनके भाई शोविक की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सुशांत सिंह राजपूत की प्रेमिका रहीं रिया को मंगलवार को एनसीबी ने गिरफ्तार किया था। उन्हें 14 जून को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के बाद हुई जांच के दौरान सामने आए ड्रग्स एंगल में नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है। 20-पेज की जमानत अर्जी में रिया ने कहा है, 'वह निर्दोष है और उसने कोई भी अपराध नहीं किया है। आवेदक को वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है।'

 Rhea Chakraborty

आवेदन में यह भी कहा गया है कि रिया से कोई भी ड्रग या साइकोट्रॉपिक पदार्थ जब्त नहीं किया गया है। इसके अलावा कम मात्रा में ड्रग्स से संबंधित मामले में जमानत मिलने के प्रावधान की बात भी कही गई है। आवेदन में कहा गया है, 'वर्तमान में आवेदक के खिलाफ लगाए गए आरोपों में सबसे कम मात्रा में ड्रग्स खरीदने का मामला होगा, जो कि एक जमानती अपराध है।' इसके साथ ही एप्लिकेशन में कहा गया है कि कम मात्रा में ड्रग्स खरीदने के मामले के अलावा अन्य कोई बड़ा मामला नहीं बनता है। रिया चक्रवर्ती ने अपनी जमानत अर्जी में दावा किया है कि उन्हें हिरासत के दौरान आत्म-दोषारोपण बयान देने के लिए मजबूर किया गया। इसमें कहा गया है कि आठ सितंबर, 2020 को उनके आवेदन में, आवेदक ने औपचारिक रूप से इस तरह के सभी भ्रामक बयानों को वापस ले लिया है।

आवेदन में कहा गया है, 'आवेदक को उत्तरदाताओं द्वारा बुलाया गया था और एनसीबी कार्यालय में छह, सात और आठ सितंबर 2020 को पूछताछ की गई थी। आवेदक की पूछताछ के दौरान किसी भी कानूनी सलाह तक कोई पहुंच नहीं थी, जब उससे न्यूनतम आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी, जिसमें कई पुरुष अधिकारी थे और कोई भी महिला अधिकारी नहीं थी, जो वर्तमान आवेदक से कानून के अनुसार अनिवार्य रूप से पूछताछ कर सके।' दस्तावेज में रिया ने कहा है कि उसने हमेशा से ही इस मामले में सहयोग किया है। इसके साथ ही रिया ने कहा है कि अगर उसे न्यायिक हिरासत में रखा जाता है तो उसके जीवन के लिए गंभीर खतरा है। इसके साथ ही कहा गया है कि आवेदक को पिछले कई महीनों के दौरान सैकड़ों मौत और दुष्कर्म की धमकियां मिल रही हैं। आवेदन में आवेदक के मानसिक स्वास्थ्य, कल्याण और जमानत लेने के कारणों के रूप में चल रही कोरोनावायरस महामारी का भी हवाला दिया गया है।



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