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कृषि सुधारों के बाद अब श्रम कानून से जुड़े इन बिलों पर सरकार और विपक्ष में दिखेगी तकरार

नई दिल्ली। कृषि सुधार बिलों के पारित होने के दौरान जमकर विरोध करने वाला विपक्ष अब संसद में श्रम सुधार कानून को लेकर विरोध करने की तैयारी कर रहा है। इनमें से एक प्रावधान है जो 300 कर्मचारियों के साथ कंपनियों को संबंधित राज्य सरकार की मंजूरी के बिना लोगों की छंटनी करने की अनुमति देता है।

विधेयक के इस प्रावधान पर मंत्रालय और ट्रेड यूनियंस के बीच काफी मतभेद रहा है। यह प्रस्ताव इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड बिल 2020 का हिस्सा है। अभी तक 100 से कम कर्मचारी वाले औद्यौगिक प्रतिष्ठान ही सरकार से मंजूरी लिए बिन रख और निकाल सकते हैं।

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने पेश किया विधेयक

श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने विपक्ष केे विरोध के बीच यह विधेयक पेश किया। इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड बिल 2019 बीते वर्ष भी लोकसभा में पेश किया गया था। उस दौरान संसद की स्थायी समिति में विधेयक को भेज दिया गया था। बीते शनिवार को वह बिल संसद से वापस ले लिया गया। केंद्रीय श्रम मंत्री ने लोकसभा में सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंधों और व्यावसायिक और स्वास्थ्य सुरक्षा पर तीन लेबर कोड सामने लेकर आए थे। चौथा कोड मजदूरी पर है, जिसे संसद द्वारा पास कर दिया गया है।

औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक 2019, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य की स्थिति कोड, 2020 और सामाजिक सुरक्षा पर कोड, 2020 पर अगले कुछ समय के लिए चर्चा होगी। ये विपक्ष और सरकार के बीच नए सिरे से टकराव का कारण बन सकता है।

छंटनी के प्रावधान को लेकर ने इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020 में धारा 77(1) जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। इसके अंतर्गत छंटनी और प्रतिष्ठान बंद करने की अनुमति उन्हीं प्रतिष्ठानों को दी जाएगी, जिनके कर्मियों की संख्या बीते 12 महीने में हर रोज औसतन कम से कम 300 हो। सरकार अधिसूचना जारी कर इस न्यूनतम संख्या को बढ़ा सकती है।



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