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US Presidential Election: कौन हैं Kamala Harris? क्या है उनका भारत से नाता?

वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन ने अमरीकी सीनेटर कमला हैरिस (Kamala Harris) को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना है।

वह पहली अफ्रीकी-अमरीकी और एशियाई-अमरीकी महिला हैं, जिन्हें एक बड़ा जिम्मा सौंपा गया है। हैरिस अमरीका की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम है। भारत के साथ उनका गहरा संबंध रहा है। उनके जीवन परिचय के बारे में जाने तो वे एक साधारण मगर एक उच्च विचारों वाले परिवार से आती हैं। 1964 में कैलिफोर्निया में जन्मीं हैरिस की मां भारतीय मूल की डॉक्टर थीं। उनके पिता जमैका के अर्थशास्त्री थे। पिता की इस पहचान से उनके राजनीतिक विचारों को काफी हद तक प्रभावित किया है।

kamala Harris

पीवी गोपालन के घर में काफी वक्त बिताया है

1960 के दशक में हैरिस ने अपना काफी वक्त अपने नाना पीवी गोपालन के घर में बिताया है। यह लूसाका, जांबिया में है। गोपालन भारत सरकार में सिविल सेवा में थे। उन्हें रोडेशिया (जिंबाब्वे में है) के शरणार्थियों की एंट्री को संभालने के लिए भेजा गया था। उस समय जिंबाब्वे ब्रिटेन के शासन से मुक्त हुआ था। यह उनके जीवनकाल की बड़ी उपलब्धि थी और इसका असर कमला पर भी पड़ा। उनका कहना है कि नाना दुनिया में उनके सबसे फेवरिट लोगों में से एक थे।

कमला की मां श्यामला गोपालन हमेशा से अपनी बच्चियों को भारतीय जड़ों से जोड़े रखना चाहती थीं। तमिल मूल की भारतीय-अमरीकी श्यामला एक जानी-मानी कैंसर विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपनी बेटियों के नाम संस्कृत में रखे थे।

मां के व्यक्तित्व का असर

मां के व्यक्तित्व का असर कमला पर भी पड़ा। इमिग्रेशन और समान अधिकार जैसे मुद्दों पर कमला के विचार श्यामला से प्रभावित थे। श्यामला ने अपना ग्रैजुएशन भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया था। PhD करने के बाद उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर पर शोध किया। वह यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉई और यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉनिसन होते हुए स्पेशल कमीशन ऑन ब्रेस्ट कैंसर का हिस्सा भी बनीं। श्यामला एक शोधकर्ता के तौर पर नहीं, बल्कि एक ऐक्टिविस्ट्स के तौर पर भी जानी जाती हैं। उनके व्यक्तित्व का असर कमला पर काफी हद तक पड़ा।

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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस

कमला ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस और इकनॉमिक्स की पढ़ाई की है। हार्वर्ड में पढ़ाई के दौरान उन्होंने कैलिफोर्निया के तत्कालीन सीनेटर ऐलन क्रैंस्टन के लिए मेलरूम क्लर्क के तौर पर सेवाएं दीं। जो उस वक्त खुद राष्ट्रपति पद की दौड़ में थे। इसके बाद वे कैलिफोर्निया लौटीं जहां उन्होंने 1990 में वकालत की पढ़ाई पूरी की। यहां पर उन्होंने डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटर्नी के तौर पर काम शुरू किया।

सन फ्रैंसिस्को की जिला अटर्नी रहीं

इसके बाद वे 2003 से 2011 तक वह सन फ्रैंसिस्को की जिला अटर्नी रहीं। 2016 में उन्होंने रिपब्लिकन सीनेटर लोरेटा सानशेज को हरा अमरीकी सीनेट में जूनियर रिप्रजेंटेटिव का पद संभाला। हैरिस दूसरी ऐसी अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई-अमरीकी महिला थीं तो अपने दम पर अमरीकी कांग्रेस के अपर चेंबर तक पहुंचीं। सीनेटर के तौर पर वे हमेशा से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आवाज उठाती रहीं हैं। हालांकि, विदेश नीति को लेकर उन्होंने ट्रंप को सराहा है।



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