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Ganesh Chaturti 2020: व्रत के बारें में जानिए महत्वपूर्ण बातें, जो आपकी पूजा को बनाएगा और खास

नई दिल्ली। 22 अगस्त के दिन देशभर में गणेश चतुर्थी ( Ganesh Chaturthi 2020 ) मनाई जाएगी। कहा जाता है कि गणेशजी की कृपा होने से सभी तरह से दोष समाप्त हो जाते हैं। सर्वप्रथम गणेशजी की आराधना करने से सभी देवताओं को संतुष्ट किया जाता है। इस खास मौके पर सभी मानसिक, आर्थिक, और शारिरिक हानियों से निजात पाते हैं। इस पूजा में कई चीज़ों की खास ध्यान रखना होता है। जिसमें पूजा साम्रगी से लेकर खाने का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है।

गणेश चतुर्थी की पूजा

21 अगस्त यानी कि शुक्रवार को रात 11:02 बजे पर भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरूआत हो रही है। यह शुभ मुहुर्त 22 अगस्त यानी कि शानिवार की शाम 7 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। वहीं गणेश जी का जन्म दोपहर में हुआ था। इसलिए पूजा का समय 2 घंटे 36 मिनट का है।

 

गणेश चतुर्थी की पूजा करने की विधि

सवेरे उठकर स्नान करें। दोपहर में पूजा करने का समय है। इसलिए सुबह ही साम्रगी की तैयारी कर लें। जिसमें फूल, दीप, कपूर, मौली लाल, चंदन, मोद आदि सामान लें। पूजा के लिए एक साफ आसान लें। पूजा में दुर्वा का उयोग काफी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इसका उपयोग जरूर करें। भगवान गणेश को मोदक यानी कि लड्डू काफी पसंद है। इसलिए पूजा में इसका ध्यान रखें। पूजा करते हुए शिव जी और उनके परिवार की आराधना जरूर करें। शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की प्रतिमा की 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करते हैं।

फलाहार भोजन

गणेश चतुर्थी के व्रत रखते हुए सुबह कुछ ना खाएं। मात्र फलों का ही सेवन करें। इससे खाना ज्यादा हावी नहीं होगा। प्रोटीन की मात्रा लेने के लिए आप सावां का चावल खा सकते हैं।

व्रत का खाना

आप साबूदाने से बनी खिचड़ी और कुट्टू के आटा का हलावा खा सकते हैं। यह खाना बहुत हल्का होता है। जिससे आपका वज़न नहीं बढ़ेगा। यदि कोई शख्स डायबिटीज से ग्रस्त है और व्रत रखना चाहता है। तो वह फल और कुछ ड्राईफ्रूट्स ले सकता है। साथ ही वह मखानों को भुनकर भी खा सकता है।

तली हुई चीज़ों से परहेज

पूरा दिन व्रत रखने के बाद तली हुई चीज़ों को ना खाएं। इससे खाना बहुत हावी हो जाता है और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है। व्रत में पकौड़े , चाय, कॉफी, और पूड़ी ना खाएं।

तुलसी का प्रयोग ना करें

गणेश चतुर्थी के व्रत में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसलिए ध्यान दें किसी भी वस्तु में इसका प्रयोग ना करें।



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