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Coronavirus: अमरीका में महामारी का कहर जारी, संक्रमण के मामले 62 लाख के पार पहुंचे

वाशिंगटन। अमरीका (America) कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों को लेकर अभी भी जूझ रहा है। यहां पर बीते 24 घंटे में मामलों की संख्या और मौत का आंकड़ा घटा है। मगर संक्रमण के नए मामले भी तेजी से आ रहे हैं। अमरीका में सोमवार तक 33,981 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं 368 मौतें हुई हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमरीका में कोरोना वायरस के कम से कम 6,207,040 मामले हुए हैं और कम से कम 187,643 लोग मारे गए हैं।

कुल संक्रमण और मृत्युदर

कोरोना संक्रमण पर नजर रखने वाली वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमरीका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या मंगलवार तक बढ़कर 62 लाख के पार पहुंच गई है। वहीं 1 लाख 87 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में भी कुल संक्रमितों की संख्या 38 लाख 62 हजार हो गई, यहां एक लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।

सक्रिय मामले और रिकवरी रेट

अमरीका में अबतक 34.25 लाख लोग ठीक भी हुए हैं, जो कुल संक्रमितों का 55 फीसदी है। 25 लाख 60 हजार एक्टिव मामले हैं। ऐसे लोग अभी भी वायरस से संक्रमित हैं। इनकी दर 41 फीसदी है। वहीं ब्राजील में रिकवरी रेट 78 फीसदी हैं, यानी कि कुल संक्रमितों में से 30.31 लाख से ज्यादा लोग ठीक भी हुए हैं। 7.09 लाख यानी कि 18 फीसदी सक्रिय मामले हैं, इनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

वैक्सीन को जल्द मंजूरी

कोरोना वायरस से संक्रमण केे मामले को बढ़ता देख ट्रंप प्रशासन इसकी वैक्सीन को जल्द मंजूरी दे सकता है। अमरीका की खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (FDA) के प्रमुख स्टीफन हॉन का कहना है कि अगर तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) में बेहतर परिणाम आते हैं तो इसके पूरे होने से पहले ही कोरोना वैक्सीन (Coronavaccine) को जल्द पंजीकृत किया जा सकता है।

क्लीनिकल ट्रायल किए जा रहे

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हॉन ने एक इंटरव्यू में बताया कि अमरीका में इस समय एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना और फीजर नामक तीन कंपनियों की ओर से कोरोना वायरस की वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल किए जा रहे हैं। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है।

सुरक्षित और कारगर है

हॉन के अनुसार वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण से पहले हमें लगता है कि यह सुरक्षित और कारगर है तो उसे मंजूरी दी जा सकती है। हॉन ने कहा कि एफडीए का फैसला राजनीति अथवा आगामी चुनाव पर नहीं बल्कि विज्ञान और चिकित्सा पर आधारित है।



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