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अदालत की अवमानना मामले में प्रशांत भूषण ने नहीं मांगी माफी, आज सजा का ऐलान

नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट में (Supreme Court) अवमानना मामले में दोषी करार वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) की सजा निर्धारित करने को लेकर सुनवाई होगी। इस मामले में सोमवार को प्रशांत भूषण ने न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक दो ट्वीट के लिये माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि ट्वीट में उन्होंने अपने उन विचारों को सामने रखा है, जिन पर वह हमेशा से कायम हैं। प्रशांत भूषण ने स्वत अवमानना के मामले में दाखिल अपने पूरक बयान में कहा कि पाखंडपूर्ण क्षमा याचना मेरी अंतरात्मा और एक संस्थान के अपमान समान होगा।

अपने विचार अच्छी भावना में व्यक्त किए

भूषण ने कहा कि कोर्ट के अधिकारी के रूप में उनका मानना है कि जब भी उन्हें ये लगता है कि यह संस्था अपने पुराने स्वर्णिम कार्यों से भटक रही है तो इसके खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। भूषण के अनुसार उन्होंने अपने विचार अच्छी भावना में व्यक्त किए, न कि सुप्रीम कोर्ट या किसी प्रधान न्यायाधीश विशेष को बदनाम करने के लिए।

क्षमा याचना करना पाखंड

उन्होंने कहा कि मेरे ट्वीट इस विश्वास का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें मैं हमेशा से अपनाता आया हूं। इन आस्थाओं के बारे में सार्वजनिक अभिव्यक्ति एक नागरिक के रूप में उच्च दायित्व और इस न्यायालय के वफादार अधिकारी के अनुरूप है। इन विचारों की अभिव्यक्ति को लेकर सशर्त या बिना शर्त क्षमा याचना करना पाखंड है।

क्षमा याचना औपचारिक नहीं हो सकती

भूषण के अनुसार क्षमा याचना सिर्फ औपचारिकता नहीं हो सकती है। ये पूरी गंभीरता से की जानी चाहिए। न्यायालय ने 20 अगस्त को भूषण को न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट को लेकर क्षमा याचना से इनकार करने संबंधी अपने बयान पर पुनर्विचार करने के लिए कहा गया। इसके साथ बिना शर्त माफी मांगने के लिये 24 अगस्त तक का समय तय किया गया था। न्यायालय ने अवमानना के दोषी ठहराये गए भूषण की सजा के मामले पर दूसरी पीठ द्वारा सुनवाई का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया है।



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