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नर्मदा किनारे के गांवों में बाढ़ से कइयों की गृहस्थी तबाह, पानी में घिरे लोगों को नाव से निकाला

हरदा/हंडिया। ऊपरी क्षेत्रों में लगातार बारिश और तीन बांधों का पानी छोड़े जाने से नर्मदा में आई बाढ़ ने किनारे के गांवों में खासी तबाही मचाई। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात हंडिया, गोंदागांव गंगेश्वरी, छीपानेर, लछौरा, शमशाबाद और जलोदा समेत नर्मदा किनारे के गांवों में बाढ़ का पानी घरों में भरा गया। छीपानेर में रात 2 बजे से यह स्थिति बनी तो लोग अपना गृहस्थी का सामान बचाने में जुट गए। किसी ने ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सामान रखा तो कोई इसे छत पर लेकर गया। बाढ़ के पानी में घिरे कई लोगों को नाव से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। छीपानेर गांव में कहीं चार तो कहीं पांच फीट पानी भराया। रविवार सुबह से नर्मदा के जलस्तर में कुछ कमी आना शुरू हुई, हालांकि शाम तक उतना पानी नहीं उतरा जिससे लोगों को राहत मिले। वहीं हंडिया के अधिकांश घरों में बाढ़ का पानी भरा गया। कुछ घरों में कमर तक पानी रहा। इससे लोगों का गृहस्थी का सामान खराब हो गया। स्कूल सहित कई शासकीय कार्यालय भवन भी बाढ़ की चपेट में आ गए। इंदौर-बैतूल नेशनल हाइवे पर थाना के सामने सड़क जलमग्न हो गई।
अब तक 1057.3 मिमी बारिश हो चुकी
जिले में 1 जून से अब तक 1057.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। गत वर्ष की इसी अवधि की औसत वर्षा 1015.2 मिमी है। अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि अभी तक हरदा में 1013.0 (गत वर्ष 1005.3 मिमी), टिमरनी में 1298.2 (गत वर्ष 1251.4 मिमी) व खिरकिया में 860.7 मिमी (गत वर्ष 789.0 मिमी) वर्षा दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों में (रविवार सुबह 8 बजे तक) हरदा में 67.3 मिमी, टिमरनी में 74.6 मिमी व खिरकिया में 37.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। रविवार को जिले में 59.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई। जिले की सामान्य वर्षा 1261.7 मिमी है।
हंडिया में 1961 में था ऐसा नजारा
हंडिया के बुजुर्गों के अनुसार वर्ष 1961 में नर्मदा में इतनी भयंकर बाढ़ आई थी। तब भी खासा नुकसान हुआ था। वर्षों बाद आई भयंकर बाढ़ ने कई परिवारों की गृहस्थी उजाड़ दी।
पुल से आवाजाही बंद की
शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 2.30 बजे जब नर्मदा में ज्यादा पानी बढ़ा तब दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। रविवार को लोगों को पैदल भी आने-जाने नहीं दिया गया। इसके चलते पुल के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
शाम तक भरा रहा पानी
हंडिया के आठ मोहल्लों में रविवार शाम तक पानी भरा रहा। इसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रशासन द्वारा अनेक प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया।
मुख्यमंत्री ने किया हवाई दौरा
अधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को दूसरे दिन भी बाढग़्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन, देवास, हरदा और विदिशा जिलों के जलमग्न क्षेत्रों का जायजा लेकर कलेक्टर्स से चर्चा की।
नर्मदा में आई बाढ़ से कई गांवों में भराया पानी, डूबने से बालक की मौत
करताना। नर्मदा में आई बाढ़ से किनारे के कई गांवों में पानी भरा गया। गोंदागांव-गंंगेश्वरी में करीब 100 घर बाढ़ के पानी में डूब गए। छीपानेर में कई परिवारों को नाव से निकाला गया। नर्मदा किनारे बसे शमशाबाद में एक दो वर्षीय बालक पानी में डूब गया। इसके चलते उसकी मौत हो गई। घटना रविवार सुबह की बताई जा रही है। परिवारजनों ने प्रशासनिक अमले को बताया कि बाढ़ का पानी घर तक पहुंच गया था। इस दौरान बालक गर्व पिता मधु राजपूत (2) खटिया पर बैठा था। संतुलन बिगडऩे से वह गिर गया। पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई।
अजनाल का पानी उतरा, लोगों ने कीचड़ साफ किया
अजनाल नदी की बाढ़ का पानी भी रविवार सुबह से उतरना शुरू हुआ। इसके बाद बाढ़ प्रभावित लोगों ने अपने घर और दुकानों में जमा कीचड़ साफ किया। कई परिवार अपने घर भी लौट गए।



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