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Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan Latest Updates: Ram Mandir के सहारे BJP की कई गुना बढ़ी ताकत, 36 साल में 2 से 303 सासंदों की बनी पार्टी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) आज उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या ( Ayodhya ) में राम मंदिर ( Ram Mandir ) का शिलान्यास करेंगे। भूमि पूजन के साथ ही विशाल राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पूरे देश की नजर आज उस ऐतिहासिक पल पर टिकी है, जब पीएम मोदी अपने हाथों से इस शुभ कार्य की शुरुआत करेंगे। क्योंकि, राम मंदिर का मुद्दा ऐसा है जो कई सालों से चलता आ रहा है। लेकिन, बीजेपी (BJP) ने मंदिर मुद्दे को अपना एजेंडा बनाया और इसी की बदौलत पिछले 36 साल में पार्टी की ताकत 218 गुना बढ़ी है।

राम मंदिर (Ram Mandir) का मुद्दा भले ही आजादी से पहले से चलता आ रहा है, लेकिन माना जाता है कि बीजेपी (BJP) के कद्दावर नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ( Lal Krishna Advani ) की रथ यात्रा ( Rath Yatra ) ने निर्माण कार्य प्रशस्त करने में अहम भूमिका निभाई थी। इस यात्रा से पार्टी की भी किस्मत बदली और देश में एक नई राजनीति की भी शुरुआत हुई। बताया जा रहा है कि इस रथ यात्रा की बदौलत ही बीजेपी (ऴऱझ) पिछले 36 साल में दो से 303 सांसदों की पार्टी बन गई है। जिस वक्त यह रथ यात्रा निकली थी, उस वक्त पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Modi) भी आडवाणी के साथ थे।

दरअसल, 1984 लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Chunav ) में बीजेपी (BJP) को महज दो सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद RSS और बीजेपी ने तय किया कि अब पार्टी राम मंदिर (Ram Mandir) के मुद्दे पर आगे बढ़ेगी। वहीं, 1985 और 1986 में गुजरात (Gujarat) में जगन्नाथ यात्रा ( Jagannath Yatra ) के बाद दंगे (Riots) हुए। इस दौरान गुजरात में बीजेपी (BJP) की लोकप्रियता बढ़ी और पार्टी ने हिन्दुत्व एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया। वहीं, जब लालकृष्ण आडवाणी 1986 में ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो उन्होंने हिन्दुत्व एजेंडे (Hindu Agenda) को काफी बढ़ावा दिया। वहीं, जब सराकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की गई तो बीजेपी ने इसके काट के लिए राम मंदिर (Ram Mandir Issue) मुद्दे को अपनाया। बीजेपी का मकसद था हिन्दू वोट बैंक (Hindu Vote Bank) पर कब्जा करना। इससे पार्टी को फायदा भी हुआ और 1989 में जो लोकसभा चुनाव हुए , उसमें पार्टी को 85 सीटें मिली थी। 1990 से राम मंदिर का मुद्दा गरमाया और बीजेपी ने इस पूरी तरह से भुनाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं लालकृष्ण आडवानी ने उसी समय सोमनाथ ( Somnath ) से लेकर अयोध्या तक रथ यात्रा (Rath Yatra) निकालने का फैसला किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, पहले लालकृष्ण आडवाणी पैदल यात्रा निकालने की योजना बना रहे थे। लेकिन, बीजेपी के दिवंगत नेता और तत्कालीन पार्टी महासचिव प्रमोद महाजन ( Pramod Mahajan) ने रथ यात्र निकालने की सलाह दी थी। इसके बाद ही तय हुआ कि 10 हजार किलोमीटर रथ यात्र ( BJP Rath Yatra) निकलेगी। इस रथ यात्रा का मकसद था कि बीजेपी लोगों को यह भरोसा दिलाना चाहती थी कि उनकी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर का दोबारा निर्माण करेगी। यह रथ यात्रा 5 सितंबर 1990 से शुरू होकर 30 अक्टूबर चलनी थी। इस रथ यात्रा में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, प्रमोद महाजन और नरेंद्र मोदी शामिल थे। यहीं से नरेन्द्र मोदी बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व की नजर में भी आए। बिहार (Bihar) के समस्तीपुर ( Samastipur) जिले में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने 23 अक्टूबर 1990 को रथ यात्रा रोक दी। साथ ही लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी भी हुई थी परिणाम ये है कि केन्द्र में वीपी सिंह (V P Singh) की सरकार तक गिर गई। इसके बाद से राम मंदिर बीजेपी क मुख्य एजेंडा बन गया। गुजरात में भी इस मुद्दे को बीजेपी ने भुनाया और 26 में से 12 लोकसभा सीट पर पार्टी ने जीत दर्ज की। 2014 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) में भी बीजेपी ने इस मुद्दे को जमकर भुनाया और पार्टी ने 282 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की। 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में भी इस मुद्दे को उछाला गया और बीजेपी को 403 में से 312 सीटों पर जीत मिली। वहीं, 2019 लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा उछला और 303 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली। राम मंदिर (Ram Mandir) का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। फरवरी, 2020 में मोदी सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा की और आज इसका आधारशिला रखा जाएगा।



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