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America में प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 के इलाज को मिली अनुमति, कहा-50 फीसदी तक लोगों की जान बचेगी

वॉशिंगटन। अमरीका (America) में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां पर रोजना हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज को लेकर प्लाज्मा थेरेपी के प्रयोग को अनुमति दी है। अमरीका की खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने भी कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए प्लाज्मा के आपातकालीन उपयोग पर सहमति जताई है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस तरह के 30 से 50 फीसदी तक कोरोना संक्रमितों की जान बचाई जा सकती है।

50 फीसदी तक मरीजों की बचेगी जान

अमरीकी स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार और एफडीए कमिश्नर स्टीफन हैन ने इसका ऐलान किया है। वहीं ट्रंप ने इसके उपचार को सुरक्षित और बेहतर बताया। हैन के अनुसार प्लाज्मा थेरेपी में संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों के रक्त को लिया जाएगा। इसके प्लाजमा को निकाला जाएगा और संक्रमित मरीज को दिया जाएगा। इससे उसके ठीक होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। मेयो क्लिनिक के एक रिसर्च के अनुसार इस थेरेपी की मदद से करीब 30 से 50 फीसदी तक मृत्यु दर में कमी आएगी।

क्या होता है ये इलाज

दरअसल जब वायरस किसी शख्स पर हमला करता है तो उसका शरीर रोग प्रतिरोधक क्षमता का इस्तेमाल कर एंटीबॉडीज तैयार करता है। संक्रमण से लड़ने वाले एंटीबॉडीज प्रोटीन विकसित करते हैं। अगर वायरस से संक्रमित शख्स के खून में उचित मात्रा में एंटीबॉडीज विकसित होते हैं तो वह वायरस की वजह से होने वाली बीमारियों से ठीक हो सकता है।

प्लाज्मा थेरेपी के पीछे तर्क ये है कि संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर उसका इलाज किया जाए। इस थेरेपी में संक्रमित व्यक्ति में प्लाज्मा ट्रांसफर किए जाते हैं। ये प्लाज्मा ऐसे प्रोटीन तैयार करता है जो शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है। प्लाज्मा ठीक हो चुके शख्स से लिया जाता है। ये रक्त के एक अवयव से है। प्लाज्मा थेरेपी में बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के एंटीबॉडीज से युक्त ब्लड का इस्तेमाल बीमार लोगों को ठीक करने में किया जाता है।



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