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Ahmednagar : कोरोना संक्रमण से मरे 12 रोगियों के शव एक ही वैन में श्मशान ले जाने पर हंगामा, जांच के आदेश

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के अहमदनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह मामला कोविद-19 ( Covid-19 ) के संक्रमण से मरे 12 रोगियों के शवों ( Dead bodies ) को एक ही वाहन में असम्मानजनक तरीके से श्मशान ले जाने से जुड़ा हैं। इस बात को लेकर जब स्थानीय नेताओं और लोगों ने जब जमकर हंगामा मचाया तो अहमदनगर नगर निगम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक कोविद-19 वायरस के संक्रमण से मरे रोगियों के शवों को एक साथ वैन में एक-दूसरे के ऊपर ढेर रखकर अहमदनगर में श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस बात का खुलासा होने पर राजनीतिक दलों और स्थानीय निवासियों ने जमकर हंगामा मचाया और विरोध प्रदर्शन किया। हंगामे को तूल पकड़ता देख अहमदनगर नगर निगम ( Ahmednagar Municipal Corporation ) ने कहा कि वह इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

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नगर आयुक्त श्रीकांत माइकल ( Municipal Commissioner Shrikant Michael ) ने मंगलवार को बताया कि हमने अपने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में से एक को नोटिस ( Notice serve ) जारी किया है। उक्त कर्मचारी कोविद-19 के शव को श्मशान में ले जाने और उन्हें बंद करने के काम की निगरानी कर रहा था।

अहमदनगर सिविल अस्पताल प्रशासन ( Ahmednagar Civil Hospital Administration ) को दोषी ठहराते हुए निगम प्रमुख ने कहा कि यह सुनिश्चित करना अस्पताल प्रशासन का कर्तव्य था कि शवों को हार्न वैन में ठीक से व्यवस्थित किया जाए। फिर श्मशान में भेजा जाए। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वैन में शव रखने के लिए कोई स्ट्रेचर का इस्तेमाल नहीं किया गया था। अगर पीपीई किट ( PPE Kit ) की समस्या थी तो उन्हें इसके लिए कहना चाहिए था। हमारी सेवा में पांच एम्बुलेंस भी हैं। वे एम्बुलेंस वालों से इस बारे में जानकारी हासिल कर सकते थे।

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वहीं, अहमदनगर सिविल अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन सुनील पोखरना ने कहा कि अस्पताल अंतिम संस्कार के लिए कोविद-19 के शवों को श्मशान में ले जाने के लिए ज़िम्मेदार नहीं है। स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को शव सौंपने के बाद अस्पताल प्रशासन का काम समाप्त हो जाता है।

रविवार को मोर्चरी ( Morchery ) में 12 से 15 शव पड़े थे। सभी कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद हमने शवों को सिविल हॉस्पिटल ( Civil Hospital ) के कर्मचारियों को सौंप दिया। उसके बाद स्थानीय निकायों के कर्मचारी शवों को श्मशान ( Crematorium ) ले गए।

अहमदनगर नगर निगम के आयुक्त श्रीकांत माइकल ने कहा कि सिविल हॉस्पिटल प्रशासन समय पर निकायों का निपटान नहीं कर रहा था। उन्होंने 8 अगस्त को हमें एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि हमें शवों को हटा देना चाहिए क्योंकि शव सड़ रहे थे।



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