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Sachin Pilot से नहीं मिला गांधी परिवार, राजस्थान में बगावत से मुश्किल में Gehlot सरकार

नई दिल्ली। इस बार राजस्थान में सियासी संकट ( Political Crisis ) पहले से ज्यादा गहरा गया है। खासकर सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) से गांधी परिवार ( Gandhi Family ) के किसी भी व्यक्ति के न मिलने से पार्टी के अंदर बगावत के सुर मुखर हो गए हैं। यह स्थिति इसएिल भी उत्पन्न हुई कि शुक्रवार से दिल्ली में पायलट डेरा जमाए हुए हैं लेकिन गांधी परिवार के किसी भी व्यक्ति से मिलने का उन्हें समय तक नहीं मिला है।

बता दें कि 30 विधायकों के समर्थन सचिन पायलट को हासिल है। यह संख्या राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार ( Gehlot Government ) गिराने के लिए काफी है।

फिलहाल राजस्थान के डिप्टी सीएम अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। आज से 9 दिन पहले जब उन्होंने आखिरी बार गांधी परिवार के करीबी से मुलाकात की थी तब अपनी बात रखी थी।

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सचिन को सीएम पद से कम की डील स्वीकार नहीं
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी बैठक से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Congress President ) और राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने बातचीत का आधार तय किया। सचिन ने गांधी परिवार के भरोसेमंद व्यक्ति के माध्यम से अपनी स्थिति बताई, लेकिन इस बार सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री पद के लिए कुछ भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

गांधी परिवार अभी सीएम बनाने को तैयार नहीं
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट के अपने भरोसेमंद व्यक्ति के माध्यम से यह बता दिया है वह एक समय जरूर मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन उसमें अभी समय लगेगा अभी वह युवा हैं, उन्हें इंतजार करना चाहिए। आखिरकार वह राज्य के डिप्टी सीएम हैं, राजस्थान कांग्रेस ( Rajasthan Congress ) के अध्यक्ष हैं और पांच मंत्रालयों के इंचार्ज भी हैं।

लेकिन सचिन पायलट का कहना है कि 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद अशोक गहलोत का डिप्टी बनना उनकी मेहनत का प्रतिफल नहीं है। तभी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) और उनके डिप्टी सहयोगी के बीच दरार केवल चौड़ी होती गई है।

पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप
बताया जा रहा है कि पायलट पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। पिछले महीने राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हुए चुनावों के दौरान बीजेपी सचिन पायलट के साथ बातचीत चल रही थी। जब सीएम गहलोत ने बीजेपी अपने विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था। हालांकि, सचिन पायलट ने खुले तौर पर इस तरह की बात को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि सभी कांग्रेस विधायक पार्टी के साथ हैं। ऐसा हुआ भी और पार्टी तीन में से दो राज्यसभा सीटें जीतीं भी।

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पायलट को सम्मन जारी कराना उल्टा पड़ सकता है
आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ( CM Ashokm Gehlot ) ने अपनी सरकार को भंग करने के कथित प्रयासों की जांच का आदेश दिया था। लेकिन सचिन पायलट स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ( SOG ) द्वारा जांच में पूछताछ के लिए बुलाया जाना गहलोत को फिलहाल उल्टा पड़ गया है। पायलट के करीबी सूत्रों के अनुसार गहलोत के पास एक सम्मन भी गया, लेकिन जांचकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट दी।

अपना घर कोई नहीं छोड़ना चाहता
सचिन पायलट के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोई भी अपने घर को नहीं छोड़ना चाहता, लेकिन इस तरह का अपमान जारी नहीं रख सकता। मेरे विधायक और समर्थक बेहद आहत हैं और मुझे उनकी बात सुननी होगी।

कांग्रेस नेतृत्व को भी इस मामले को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन पायलट के साथ बैठक से पहले समझौते के न्यूनतम अंक चाहिए थे। जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी थी तो उन्होंने दावा किया था कि उन्हें लगभग एक साल से गांधी परिवार से मिलने की इजाजत नहीं मिली थी।

जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindhia ) ने मार्च में मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ दी तो 22 विधायक ले गए और कमलनाथ सरकार ( Kamalnath Government ) को गिरा दिया। पायलट ने भी बीजेपी के साथ बातचीत की। सूत्रों ने कहा कि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मिलकर काम कर रहे थे।

दूसरी तरफ आज राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल ( Congress Legislature Party ) की बैठक है। पार्टी की ओर से व्हिप भी जारी किया गया है। सभी विधायकों को बैठक में शामिल होने को कहा गया है। इसके बावजूद सचिन पायलट समर्थक विधायकों के इसमें शामिल होने की उम्मीद बहुत कम है।



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