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RAJASTHAN POLITICS : मौजूदा हालात मेें सचिन पायलट के सामने हैं ये तीन विकल्प

जयपुर. मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गहरे राजनीतिक संकट में है। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बागी तेवर अपना लिए हैं। पायलट गुट का दावा है कि 30 विधायक उनके साथ हैं। सोमवार को होने वाली विधायक दल की मीटिंग से पहले पार्टी ने व्हिप जारी कर दिया। गौरतलब है कि 200 विधायकों वाली रास्थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत है। अशोक गहलोत 125 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार चला रहे हैं। जबकि बीजेपी के 72 विधायक हैं। साथ ही तीन विधायकों वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी विपक्ष में ही है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक मौजूदा हालात में सचिन पायलट के सामने तीन विकल्प हैं।


1. समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं
यह संभावना सबसे अधिक है। राजस्थान कांग्रेस के भीतर पायलट कैंप में और भी असंतुष्ट विधायक शामिल हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी। इस बात की भी संभावना है कि ये विधायक मध्यप्रदेश की तर्ज पर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। भाजपा सहयोगी दलों और निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बना सकती है और छह महीने के भीतर रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव कराएगी।

2. तीसरा मोर्चा बना सकते हैं सचिन पायलट (Sachin Pilot can form third front)
यदि कांग्रेस पार्टी सुलह करवाने में सफल नहीं रहती और भाजपा में शामिल होने के संतोषजनक नतीजे नहीं नजर आएं तो पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ एक अलग मोर्चा बना सकते हैं। अगर गहलोत और उनके समर्थक निर्दलीय और सहयोगियों के साथ मिलकर बहुमत हासिल करने में कामयाब होते हैं तो सरकार बच सकती है। सचिन पायलट पायलट भाजपा के समर्थन से समर्थित सरकार बनाने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनके पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है।

3. सचिन पायलट को छूट मिले
केंद्रीय आलाकमान अशोक गहलोत को संदेश दे कि सचिन पायलट को स्वतंत्र तरीके से काम करने दें और उनके विभाग में दखल नहीं करें। इससे पायलट कांग्रेस में वापसी का मन बना सकते हैं। अभी पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। '



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