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Rajasthan political crisis : पायलट और महाराज की मुलाकात, गहलोत का हो सकता है कमलनाथ वाला हाल

नई दिल्ली। राजस्थान में किसका चलेगा राज, इस बात को लेकर सियासी संघर्ष ( Political struggle ) जयपुर से लेकर नई दिल्ली तक चरम पर है। अब चर्चा इस बात की है कि राजस्थान में किसका चलेगा राज। गांधी परिवार ( Gandhi ) के समर्थन से अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) कुर्सी बचाए रखने में कामयाब होंगे या फिर सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) अपने दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) के सहारे अपने सियासी करिअर ( Political career ) का सबसे बड़ा दांव खेलेंगे।

इस बात की चर्चा इसलिए जोरों पर है, क्योंकि गांधी परिवार से रविवार तक मुलाकात के लिए समय नहीं मिलने के बाद राजस्थान में सियासी अनिश्चितता बरकरार ( Political uncertainty remains ) है। वहीं, दिल्ली में सचिन पायलट ग्वालियर के महाराज और अब बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले हैं। हालांकि इस मुलाकात की किसी ने पुष्टि नहीं की है लेकिन ये बात सच है कि दोनों की मुलाकात हुई है। जानकारी के मुताबिक रविवार दोपहर में दोनों नेता करीब 40 मिनट के लिए मिले। दूसरी तरफ इस मुलाकात ने कांग्रेस की टेंशन को बढ़ा ( Congress tension increased ) दी है।

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महाराज ने कांग्रेस पर साधा निशाना

ट्वीट में इस मुलाकात के बाद महाराज' ने रविवार को एक ट्वीट के जरिए पायलट के प्रति हमदर्दी जरूर जताई। इसी बहाने उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) और कांग्रेस के नेतृत्व ( Congress Leadrship ) पर निशाना भी साधा है। सिंधिया ( jyotiraditya scindia ) ने ट्वीट में कहा है कि उन्हें अपने दोस्त की हालत पर तरस आ रहा है। पायलट को सीएम गहलोत दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस में टैलेंट और क्षमता का कोई महत्व नहीं है।

महाराज के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पायलट को अपने खेमें लाने के लिए सिंधिया राजस्थान की राजनीति ( Rajasthan Politics ) में दखल दे सकते हैं। इसके लिए वो बीजेपी नेताओं का सहारा ले सकते हैं।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के करीब 30 से 40 कांग्रेस विधायक सीएम गहलोत ( rajasthan cm ashok gehlot) के संपर्क में नहीं हैं। यही विधायक पायलट के समर्थक माने जा रहे हैं जो इन दिनों दिल्ली में डेरा जमाकर बैठे हैं। अगर ऐसा है तो राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है।

13 निर्दलीय विधायक बीजेपी के संपर्क में

जानकारी के अनुसार अब राजस्थान के 13 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी से संपर्क साधा है। यानि निर्दलीय विधायक कांग्रेस के साथ हैं का दावा पूरी तरह से सच नहीं हैं। दूसरी तरफ सीएम आशोक गहलोत ने आज पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाकर अपना सियासी ब्रह्मास्त्र ( Political brahmastra ) चल दिया है। बैठक से पहले पार्टी ने व्हिप ( whip ) भी जारी कर दिया है।

दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में कोई गुटबाजी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी के अधिकांश विधायक गहलोत के संपर्क में हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि कांग्रेस की सरकार गहरे संकट में है। ऐसे में सिंधिया के साथ पायलट की मुलाकात कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।

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यह भी हो सकता है कि करीब 4 महीने पहले इसी तरह सिंधिया के समर्थक विधायकों ने बेंगलुरू में डेरा डाल लिया था और मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी। डर इस बात का है कि कहीं दो दोस्तों की यह मुलाकात राजस्थान में भी अशोक गहलोत की सरकार का यही हश्र न कर दे।



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