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वो दस कारण, जिनकी वजह से जमीन से आसमान पर पहुंचे Gold और Silver के दाम

नई दिल्ली। कोरोना ने सोने और चांदी ( Gold And Silver Price ) की चमक बढ़ा दी है क्योंकि महामारी ( Coronavirus Pansdemic ) के संकट के मौजूदा दौर में निवेश के सुरक्षित साधन के तौर पर महंगी धातुएं निवेशकों की पहली पसंद बन गई है। यही वजह है कि भारतीय बाजार में पीली धातु लगातार नई उंचाइयों को छू रही है। चांदी ( Silver Price Rise ) तो सोने ( Gold Price Record Level ) से भी ज्यादा चकमदार बन गई है। आइए आपको भी उन 10 कारणों के बारे में बताते हैं, जिनकी वजह से सोना और चांदी के दाम आसमान छू रहे हैं।

घरेलू बाजार में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे सोना और चांदी
घरेलू वायदा बाजार में सोने का भाव गुरुवार को 50,936 रुपएप्रति 10 ग्राम तक उछला जोकि एक नया रिकॉर्ड है। सोने का भाव 16 मार्च के बाद 32 फीसदी उछला है जबकि चांदी का भाव 62,400 रुपए प्रति किलो तक उछला जोकि 13 दिसंबर 2012 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है, जब एमसीएक्स पर चांदी का भाव 63,065 रुपए प्रति किलो तक उछला था। 18 मार्च 2020 को चांदी का भाव एमसीएक्स पर 33,580 रुपए प्रति किलो तक टूटा था उसके बाद से अब तक चांदी में 85.82 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है। बता दें कि चांदी एमसीएक्स पर इससे पहले 25 अप्रैल 2011 में 73,600 रुपए प्रति किलो तक उछला था जबकि हाजिर बाजार में चांदी का भाव 77,000 रुपए प्रति किलो तक उछला था।

अमरीका में भी सोना और चांदी तेज
वहीं दूसरी ओर अमरीका में भी सोने के दाम 2011 के बाद के उच्चतम स्तर पर आ गए हैं। गुरुवार को कॉमेक्स पर सोने के दाम 1,887.80 डॉलर प्रति औंस तक उछला जोकि सितंबर 2011 के बाद का सबसे उंचा स्तर और रिकॉर्ड स्तर के करीब है। कॉमेक्स पर सोने का भाव छह सितंबर 2011 में 1911.60 डॉलर प्रति औंस तक उछला था जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। चांदी का अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर 23 डॉलर प्रति औंस के उपर चला गया है जबकि मार्च में चांदी का भाव 12 डॉलर प्रति औंस तक टूटा था। बता दें कि कॉमेक्स पर चांदी का भाव 2011 में 49.52 डॉलर प्रति औंस तक उछला था जोकि रिकॉर्ड स्तर है।

सोने और चांदी में तेजी की 10 मुख्य कारण
1. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मडरा रहा है जिसके चलते निवेशकों का रुझान सॉफ्ट एसेट्स यानी शेयर, बांड्स के बजाय हार्ड एसेट्स यानी सोना, चांदी या रियलस्टेट्स, कच्चा तेल आदि की तरफ ज्यादा है। इनमें सोना और चांदी उनकी पहली पसंद है क्योंकि इसे संकट का साथी माना जाता है।

2. कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न देशों में लाए गए राहत पैकेज से सोने और चांदी में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई है क्योंकि राहत पैकेज से महंगाई बढऩे की आशंका बनी रहती है जिसके कारण निवेशकों का झुकाव सुरक्षित निवेश के साधन की तरफ जाता है।

3. केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती से बुलियन के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है क्योंकि इसमें उनको ज्यादा रिटर्न की उम्मीद है।

4. कोरोना काल में सोने और चांदी से अब तक निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला है जैसा कि भारत में 16 मार्च के बाद सोन का भाव 32 फीसदी जबकि चांदी में 18 मार्च के बाद 86 फीसदी तेजी आई है।

5. भूराजनीतिक तनाव से पैदा अनिश्चितता के माहौल में निवेश के सुरक्षित उपकरण के प्रति निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ जाती है। मौजूदा हालात में अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव से बुलियन को सपोर्ट मिल रहा है है।

6. महंगी धातुओं में तेजी की एक बड़ी वजह डॉलर में आई कमजोरी है। दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का ***** डॉलर इंडेक्स में लगातार कमजोरी बनी हुई है जिससे सोने और चांदी में निवेशक मांग बढ़ी है। दरअसल, डॉलर भी निवेश का एक उपकरण है, लेकिन 18 मई को डॉलर इंडेक्स जहां 100.43 पर था वहां अब लुढ़ककर 94.87 पर आ गया है।

7. शेयर बाजार में अनिश्चितता का माहौल होने से निवेशकों का रुझान सोने और चांदी की तरफ है।

8. मेक्सिको में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से चांदी की आपूर्ति बाधित होने से इसकी कीमतों में ज्यादा तेजी आई है।

9. चांदी की औद्योगिक मांग बढऩे की संभावनाओं से निवेशकों का रुझान चांदी में ज्यादा है क्योंकि चांदी एक औद्योगिक धातु है और दुनियाभर में लॉकडाउन खुलने के बाद इसकी औद्योगिक मांग बढऩे की संभावना बनी हुई है।

10. सोना महंगा होने की सूरत में आभूषणों के लिए चांदी की मांग बढ़ जाती है। दरअसल, चांदी को गरीबों का सोना कहा जाता है।

सोना और चांदी के अनुपान में करेक्शन
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा कि सोना और चांदी के भाव का अनुपात मार्च में बढ़कर 125 के ऊपर चला गया था जोकि आमतौर पर 65 के आसपास रहता है, इसलिए उसमें सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि दिवाली तक चांदी का भाव 70 से 80 हजार रुपए रुपए किलो के बीच रह सकता है जबकि सोने का भाव 53,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।

माइनिंग कम और मांग ज्यादा होने के आसार
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के कारण खनन कार्य प्रभावित होने और आपूर्ति बाधित होने से चांदी की कीमतों में ज्यादा तेजी देखी जा रही है और आने वाले दिनों में चांदी में तेजी का रुख बना रहेगा। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि इस बार मानसून अच्छा है जिससे फसलों की अच्छी पैदावार रहने पर त्योहारी सीजन में ग्रामीण इलाकों में चांदी की मांग जबरदस्त रह सकती है जिससे कीमत 70,000 रुपए प्रति किलो तक जा सकती है।



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