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Coronavirus Survivors: भारत में 100+ उम्र का हौसला दमदार, मुख्तार-मनगम्मा और हल्लम्मा का कमाल

नई दिल्ली। फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे, वो शमा क्या बुझे जिसे रौशन खुदा करे... कहने को तो ये पंक्ति खुद में ही पूरी कहानी बयां करने के लिए काफी है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के दौर में जहां हर आयुवर्ग के लोग इसका शिकार हो रहे हैं, भारत के तीन ऐसे पूरा शतक जीने वाले ( Centenarian recovers from coronavirus ) बुजुर्ग हैं जिन्होंने इस बीमारी को अपने हौसले से मात दी। इनमें सबसे पहले नाम आता है 106 वर्षीय दिल्ली के मुख्तार अहमद का और फिर दूसरे पर 100 वर्षीय हल्लम्मा और तीसरे पर 101 साल की मनगम्मा का।

कोरोना से जंग जीतकर वापस लौटे दिल्ली के 106 साल के बुजुर्ग ने इलाज को लेकर कही बड़ी बात

यों तो स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों में 10 वर्ष से नीचे और 60 वर्ष से ज्यादा आयुवर्ग के लोगों को बताया गया है। लेकिन 60 वर्ष से बहुत ज्यादा यानी 100 वर्ष से ऊपर के तीन ऐसे बुजुर्ग हैं जिनके कोरोना से जीतने ( coronavirus survivors ) के मामले मीडिया के सामने आ चुके हैं, जबकि तमाम ऐसे भी हो सकते हैं जो अभी तक सामने ना आए हों।

इससे पहले दिल्ली के नवाबगंज निवासी 106 वर्षीय मुख्तार अहमद कोरोना से जंग जीतने वाले ( COVID-19 Survivors In Hindi ) देश के सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन चुके हैं। परिवार द्वारा किए गए दावे के मुताबिक महज चार वर्ष की उम्र में 1918 में स्पेनिश फ्लू का सामना कर चुके मुख्तार अहमद की उम्र 106 वर्ष है। इन्हें बीते 14 अप्रैल को दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुख्तार में कोरोना वायरस संक्रमण उनके बेटे के जरिये पहुंचने की बात कही गई थी।

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कोरोना वायरस से सफलतापूर्वक जूझने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और बीते 1 मई को वह वापस घर लौट आए थे। जिस वक्त उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, उनके बेटे का इलाज चल रहा था। बुजुर्ग को सलाह दी गई थी कि वह अपने परिवार से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।

मुख्तार अहमद अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रह रहे हैं और उन्होंने मीडिया को बताया, "मुझे उम्मीद नहीं थी कि जीवित बचूंगा, लेकिन उचित इलाज मिलने के बाद मैं ठीक हो गया। मैंने अपने जीवन में कभी इस तरह की महामारी नहीं देखी।"



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