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हजारों में नहीं लाखों की कीमत का है ये बकरा, लग रही बोलियां, जानिए क्या है इसकी खासियत

नई दिल्ली. मुस्लिम समुदाय का ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) के बाद ईद-उल-जुहा (Eid-ul-Juha) यानी बकरीद (Bakrid) सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस्लामिंक कैलेंडर (Islamic calendar) के मुताबिक 12वें महीने की 10 तारीख को बकरीद (Bakrid 2020) का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन मुसलमानों के घर कुर्बानी देने की प्रथा है।

जिसके चलते बकरों के दाम भी काफी ऊंचे होते है। इस त्योहार (Eid al-Adha 2020) में बकरे महंगे दामों पर खरीदे जाते हैं। इस खास मौके पर बकरों को बेचने के लिए मेला लगता है लोग इस मेले में शामिल होते हैं और बकरों की लाखों की बोली लगती है। इस बार कोरोना (Coronavirus) संकट के चलते ये मेला नहीं लग पा रहा है लेकिन लोग अच्छे - अच्छे कीमतों में बकरे खरीदते नजर आ रहे हैं।

लगा रहे है लोग बोलियां

एक ऐसा ही बकरा महाराष्ट्र के सांगली जिले में सामने आया है। जिसकी कीमत हजारों में नहीं बल्कि लाखों में है। यह बकरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसे खरीदने के लिए लोग बड़ी-बड़ी बोलियां लगा रहे हैं। आप सोच रहें होंगे कि इस बकरे में क्या खास बात है।

बकरे के माथे में बना है चांद

दरअसल इस बकरे की खासियत है कि बकरे के माथे पर कुदरती तौर पर चांद बना हुआ है। जिसकी वजह से खरीदारों ने बकरे की कीमत दो लाख लगाई है। यह बकरा सांगली जिले की पेड़ गांव का है। इस बकरे का मालिक सुरेश सिंगर के नाम का एक व्यक्ति है। जिसे बाजार में बेचने के लिए बोली लगा रहा है। इसे खरीदने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।

इस वजह से होती है कीमत ज्यादा

हाजी जब्बार रहिमतपुरे का कहना है कि ऐसी मान्यता है कि बकरी ईद पर जिस बकरे की कुर्बानी दी जाती है उनमें से अगर किसी पर चांद बना हुआ है तो वह काफी अच्छा माना जाता है। साथ ही अगर ऐसे चांद की आकृति उसके बदन पर हो तो अल्लाह वह कुर्बानी कुबूल करता है। इस मान्यता के चलते ऐसे बकरों की कीमत आम बकरों से ज्यादा लगाई जाती है।

चांद होने की वजह से बढ़ी है कीमत

इसी मान्यता के आधार पर बकरे के मालिक सुरेश शेंडगे का कहना है कि इस बकरे के लिए अबतक डेढ़ लाख की कीमत देने के लिए लोग तैयार हो चुके हैं। माथे पर चांद की आकृति होने की वजह से इस बकरे की कीमत आम बकरों से कई गुना ज्यादा हो गई है।

90 किलो का है वजन

उनका कहना है कि इस बकरे को उन्होंने बड़े लाड़ प्यार से पाला है। यब बकरा 18 महीने का यह बकरा 90 किलो वजन का है।इसे हरी घास के अलावा चना दाल, गेहूं, और मूंगफली के दाने दिन में तीन बार खिलाए जाते हैं।



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