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पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे लेह, नीमू पोस्ट पर लिया सुरक्षा का जायजा

नई दिल्ली। भारतीय चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी तनाव के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह पहुंचकर सबको चौंका दिया है। पीएम मोदी के साथ लेह में सीडीएस और पूर्व सेना प्रमुख विपिन रावत भी उनके साथ हैं।

लेह पहुंचने के बाद सबसे पहले पीएम मोदी आईटीबीपी के जवानों से मिले हैं। जानकारी के मुताबिक पीएम सुरक्षा स्थितियों का जायजा लेंगे और पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवानों का मनोबल बढ़ाएंगे।

इससे पहले देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को लद्दाख पहुंचने वाले थे। लेकिन शुक्रवार को उनकी लद्दाख यात्रा को भी अचानक रद्द कर दिया गया था। राजनाथ सिंह की यात्रा रद्द करने के पीछे की वजह रक्षा मंत्रालय ने नहीं बताई थी।

इसके साथ ही जब से राजनाथ सिंह की लद्दाख यात्रा कार्यक्रम को बदला उसी समय से सीडीएस विपिन रावत सक्रिय हो गए थे। आज राजनाथ सिंह की जगह अब सीडीएस रावत सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेंगे। उन्हें सीमा की तैयारियों के बारे में पूर्वी लद्दाख सेक्टर के 15 कॉप्र्स की ओर से सभी जानकारी देंगे।

लेह पहुंचने के बाद सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें स्थिति से अवगत कराया। पीएम ने यहां पर सेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की।

नीमू फॉरवार्ड लोकेशन पर हैं पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीमू के एक फॉरवर्ड लोकेशन पर हैं। यहां वो तड़के सुबह ही पहुंच गए थे। यह जगह 11,000 की ऊंचाई पर स्थित है। यह इलाका सिंध नदी के किनारे पर और जांस्कर रेंज से घिरी हुई बहुत ही दुर्गम जगह है।

पीएम का दौरा सामरिक लिहाज से अहम
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा पर तनाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा सामरिक और कूटनयिक लिहाज से कई मायनों में अहम है। उन्होंने अभी पिछले महीने के आखिरी रविवार को ही मन की बात में कहा था कि लद्दाख में हुई झड़प का चीन को उचित जवाब दे दिया गया है।

सम्मान पर नहीं आने देंगे आंच
पीएम मोदी ने रविवार को मन की बात में कहा था कि लद्दाख में भारत की जमीन पर आंख डालने वालों को सही जवाब दे दिया गया है। अगर भारत को दोस्ती निभानी आती है तो उसे ऐसे मौकों पर सही जवाब भी देना आता है। हमारे बहादुर सैनिकों ने यह साफ कर दिया कि वो किसी को भी भारत माता की सम्मान पर जरा भी आंच नहीं डालने देंगे।

सेना के 20 जवान हुए थे शहीद

आपको बता दें कि 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से सीमा पर तनाव का माहौल है। आपको बता दें कि 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से सीमा पर तनाव का माहौल है। उसके बाद से कमांडर स्तर की तीसरी दौर की बातचीत दोनों देश के अधिकारियों के बीच हुई। दोनों देश के अधिकारी इस बात पर सहमत हुए थे कि गलवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग से धीरे-धीरे दोनों देश अपनी सेना को पहले के स्थान वापस बुला लेंगे। उसके बाद से कमांडर स्तर की तीसरी दौर की बातचीत दोनों देश के अधिकारियों के बीच हुई। दोनों देश के अधिकारी इस बात पर सहमत हुए थे कि गलवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग से धीरे-धीरे दोनों देश अपनी सेना को पहले के स्थान वापस बुला लेंगे।



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