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COVID-19 का खौफ: दोबारा School खुलने के नाम से माता-पिता की बढ़ी टेंशन, जानिए क्या कहते हैं Parents ?

नई दिल्ली। चीन ( coronavirus in china ) के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ( coronavirus ) का कहर पूरी दुनिया में जारी है। भारत ( Coronavirus in india ) में भी इस खतरनाक वायरस का तांडव जारी है। आलम ये है कि लॉकडाउन ( Lockdown ) के बाजवूद देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दो लाख के पार पहुंच चुका है। वहीं, एक जून से लॉकडाउन 5.0 ( Lockdown 5.0 ) का आगाज हो चुका है और अब चरणबद्ध तरीके से देश को दोबारा खोला जा रहा है। केन्द्र सरकार ( Central Government ) स्कूल-कॉलेज ( School- Colleges ) को भी दोबारा खोलने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर गाइडालाइनंस भी तैयार किया जा रहा है। लेकिन, दोबारा स्कूल खुलने के नाम से ही पेरेंट्स सहम रहे हैं।

जुलाई या अगस्त से खुल सकते हैं स्कूल

दरअसल, जुलाई या फिर अगस्त महीने से स्कूल-कॉलेज समेत सभी शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की तैयारी चल रही है। इसे लेकर केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ( Ministry of Human Resource Development ), स्वास्थ्य मंत्रालय ( Health ministry ) और गृह मंत्रालय ( Home Ministry ) मिलकर गाइडलाइंस तैयार कर रहा है। लेकिन, हाल के दिनों में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसने अभिभावकों ( Parents ) की चिंता बढ़ा दी है। आलम ये है कि कई पेरेंट अभी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। बच्चों के मात-पिता का कहना है कि हमें अभी स्कूल भेजने की कोई जल्दाबाजी नहीं है।

11 प्रतिश पेरेंट्स स्कूल को खोलने के पक्ष में

एक रिपोर्ट के मुताबिक, तकरीबन 224 जिलों में अभिभावक अभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि, यहां जिस तरह से महामारी ( COVID-19 ) फैल रही और सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) की धज्जियां उड़ रही है। साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था को देखकर माता-पिता अभी ऑनलाइन क्लास ( Online Clasess ) के पक्ष में हैं। उन्हें डर कि अगर इस हाल में दोबारा स्कूल खोला गया तो बच्चों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। एक सर्वे के मुताबिक, केवल 11 प्रतिशत पेरेंट्स ऐसे हैं जो नये कैलेंडर के हिसाब से स्कूल को दोबारा खोलने के पक्ष में हैं।

सर्वे में ये परिणाम आया सामने

सर्वें में 18 हजार पेरेंट्स यानी 37 प्रतिशत माता-पिता का कहना है कि जब तक जिले से पूरी तरह कोरोना वायरस खत्म न हो जाए तब तक स्कूल को न खोला जाए। साथ ही 20 किलोमीटर में 21 दिनों में अगर COVID-19 का एक भी मामला न आया हो तो स्कूल को खोला जाए। वहीं, 20 प्रतिशत अभिभावकों का कहना है कि स्कूल को तब खोला जाए, जब देश में कोरोना के एक भी मामला न हो और तीन हफ्ते तक ये देखा जाए कि एक भी केस सामने न आया हो। वहीं, 13 प्रतिशत माता-पिता का कहना है कि स्कूल को तब तक न खोला जाए जब तक कोरोना का टीका न आ जाए।

दोबारा स्कूल खुलने से माता-पिता की बढ़ी चिंता

गौरतलब है कि सरकार जुलाई से स्कूल और कॉलेजों को खोलने की योजना बना रही है। लेकिन, सरकार के इस प्लाननिंग से माता-पिता सहमे हुए हैं। उन्हें लगता है कि अगर दोबारा स्कूल खुला तो उनके बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। लिहाजा, कई अभिभावकों का कहना है कि अभी ऑनलाइन क्लास को ही सही से डेवलप किया जाए और इसे जारी रखा जाए। अब देखना ये है कि अभिभावक के इस चिंता पर सरकार क्या फैसला लेती है?



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