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Lockdown 3.0: प्याज किसानों की बढ़ी परेशानी, धड़ाम से गिरे दाम

मुंबई। बीते साल के अंत में 150-200 रुपये प्रति किलो तक प्याज की बिक्री ने देशभर के रुला दिया था। विदेशों से प्याज का आयात भी किया गया था। हालांकि पिछले कुछ वक्त से प्याज की कीमतें कम और स्थिर बताई जा रही हैं। लेकिन कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच प्याज की खेती के लिए मशहूर नासिक से चौंकाने वाली खबरें आ रही हैं। यहां मार्केट कमेटी के नए आदेश के बाद अब प्याज, किसानों के आंसू निकाल रहा है और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों को कम नुकसान उठाते हुए कम कीमत पर इसे बेचने को मजबूर होना पड़ा रहा है।

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महाराष्ट्र के नासिक में प्याज किसानों का कहना है कि उन्हें कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्याज किसानों के मुताबिक, "मार्केट कमेटी ने हमें अपनी फसल को बोरी में पैक करने के बाद उन तक लाने के लिए कहा। इस प्रक्रिया में कम से कम 100 रुपये का खर्चा होना तय है। इसके अलावा मजदूर का शुल्क, पैकिंग और परिवहन लागत भी अलग से लग रही है।"

नासिक के प्याज किसान संतोष नावले ने इस बारे में बताया, "अब हम प्रति क्विंटल प्याज में केवल 500 से 600 रुपये ही कमा पा रहे हैं। लेकिन खर्चा भी उतना ही ज्यादा है। बाजारों में ग्राहक नहीं आ रहे हैं। लिहाजा, प्याज के दाम भी गिर गए हैं। मानसून का मौसम भी आने वाला है। केवल कुछ ही किसानों के पास अपनी फसल को स्टोर करने के लिए जगह है और कुछ के पास नहीं।"

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नावले की मानें तो जिन किसानों के पास अपनी फसल को स्टोर करने की जगह है, वह इसे रख लेंगे और कुछ वक्त इंतजार करने के बाद बेचेंगे, तब इसकी अच्छी कीमत मिल जाएगी। इसकी वजह यह है कि आने वाले कुछ माह में लॉकडाउन खत्म होने के बाद ग्राहक बाजारों तक पहुंचेंगे और मार्केट कमेटी के भी मौजूदा नियम खत्म हो जाएंगे। ऐसे में कुछ वक्त तक इसका स्टॉक करने से उन्हें ज्यादा फायदा मिलेगा।



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