Breaking News

पत्रिका कीनोट सलोन में बोले कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ- इकॉनोमी का पहिया घुमाने के लिए बड़ा राहत पैकेज दे सरकार

नई दिल्ली। पत्रिका कीनोट सलोन में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा कि कोरोना ने देश को भले ही नुकसान पहुंचाया हो, लेकिन डेढ से दो साल के भीतर सब कुछ सामान्य हो जाएगा और देश तेज गति से चल पड़ेगा। हालांकि इसके लिए केंद्र सरकार को जल्द से जल्द राहत पैकेज की घोषणा करनी होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 से 6 % बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार को 10 से 12 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज देने की आवश्यकता है।

पत्रिका कीनोट सलोन में बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ पत्रिका के पाठकों और दर्शकों के जवाब दे रहे थे। शो का मॉडरेशन पत्रिका के शैलेंद्र तिवारी और शादाब अहमद ने किया। गौरव वल्लभ ने कहा कि पोस्ट कोविड के बाद देश में भय और भ्रम का माहौल बना हुआ है। लोगों के पास आज पैसे नहीं हैं, वेतनधारियों की सैलरी काटी जा रही है। कर्मचारियों की छटनी हो रही है। पूरे देश में नकारात्मक वातावरण बन रहा है।

ऐसे में सरकार को कुल जीडीपी का दस से 12 फीसदी का पैकेज देना चाहिए। अभी जो पैकेज की घोषणा की गई है, वह कुल जीडीपी का सिर्फ 0.85 फीसदी है और उसमें कई घोषणाएं पुरानी हैं। ऐसे में मदद के नाम पर सिर्फ 0.5 फीसदी ही पहुंचा है। देश में 14 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं। करीब दो करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर हैं। ऐसे में इनके बारे में सोचना होगा।

ये पढ़ें: नीति आयोग के सीईओ बोले- यह लॉकडाउन का तीसरा चरण नहीं ओपनिंग का पहला चरण

एमएसएमई सेक्टरों को मिले स्पेशल पैकेज
गौरव वल्लभ ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर से 11 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। आज उत्तर प्रदेश के 90 फीसदी एमएसएमई कर्मचारियों को सेलरी नहीं दे पाए हैं। ऐसे में सरकार को इनके लिए एक लाख करोड़ रुपए का सेलरी राहत पैकेज देना चाहिए, जिससे यह अगले तीन से छह महीने तक कर्मचारियों को सेलरी दे सकें। इसके साथ ही एमएसएमई उद्यमियों के लिए भी सरकार को एक लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज का ऐलान करना चाहिए।

यह सुधार करें, तभी आगे बढ़ेगी इकॉनोमी
— राहत पैकेज के जीडीपी का 10 से 17 फीसदी हो, अभी सिर्फ 0.5 प्रतिशत ही दिया है।
— देश में पे प्रोटेक्शन प्रोग्राम लागू करें, अगले तीन से छह महीने के लिए मदद करें।
— मांग क्रिएट करो, तभी बाजार खड़ा होगा। इसके लिए लोगों के खातों में पैसा देना होगा। 40 करोड़ जनधन खाते हैं, प्रत्येक खाते में 7500 रुपए डलवाएं।
— रबी की खरीदी घर जाकर करें, यह रूरल इकॉनोमी को खड़ा करेगा।
— हर व्यक्ति को राशन दें, चाहे उसके पास राशन कार्ड हो या नहीं हो। भुखमरी नहीं फैलेगी।
— अभी पैसा लोगों की जेब में डालने का समय है, रोकने का नहीं। सरकार इस पर ध्यान दे।
— लॉकडाउन का एक्जिट प्लान पब्लिक के सामने लेकर आए, जिससे असमंजस खत्म हो।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments