Breaking News

चीन का लद्दाख-सिक्किम में आक्रामक रुख- भारत ने लेक में बढ़ाई पैट्रोलिंग, तैनात किए अतिरिक्त सैनिक

भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले सप्ताह हुई झड़प के बाद दोनों देशों में गैर चिह्नित सीमा पर उत्तर सिक्किम और लद्दाख के पास कई इलाकों में तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों की तरफ से इसके मद्देनजर यहां के संवेदनशील इलाकों में सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन दोनों ने डेमचक, दौलत बेग ओल्डी, गलवान नदी तथा लद्दाख में पैंगोंग सो झील के पास संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है।

चीन ने बढाई पैट्रोलिंग

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार- चीन ने झील में बड़ी संख्या में नावें तैनात की हैं और पैट्रोलिंग भी बढ़ा दी है। जबकि पहले पैट्रोलिंग नावों की संख्या महज तीन थी। इसे देखते हुए भारत ने भी अपने नियंत्रण वाले 45 किलोमीटर क्षेत्र में नावों और पैट्रोलिंग में वृद्धि की है।

चीनी गतिविधियों पर भारत की कड़ी नजर

बता दें, कुछ दिन पहले भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच दो बार हिंसक झड़प हो चुकी है। गलवान के आसपास के इलाके दोनों पक्षों के बीच छह दशक से अधिक समय से संघर्ष का कारण बने हुए हैं। 1962 में भी इस इलाके को लेकर दोनों देशों में टकराव हुआ था। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गा है कि दोनों पक्षों ने गलवान नदी और पैगोंग सो झील के आसपास अपने सैनिकों की तैनाती की है। चीन की ओर से गलवान घाटी इलाके में बड़ी संख्या में तंबू दिखाई दे रहे हैं। भारत की ओर से इन गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

सैनिकों के बीच हुई थी हाथापाई

पैंगोंग सो लेक इलाके में 5 मई को भारत और चीन के करीब 250 सैनिकों के बीच हाथापाई हुई थी। इस दौरान लोहे की छड़ों, डंडों और पत्थरों का भी इस्तेमाल किया गया। दोनों पक्षों के सैनिक इस झड़प में जख्मी हुए थे।

नाकू ला दर्रा पर भी झड़प

ऐसी ही एक अन्य घटना सिक्किम के नाकू ला दर्रा क्षेत्र में 9 मई को हुई थी। इसमें दोनों देशों के लगभग 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार- घटना में दोनों पक्ष के करीब दस सैनिक घायल हुए थे। लेकिन इन घटनाओं पर किसी तरह की कोई आधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई।

उत्तर सिक्किम में भी सैनिकों की तैनाती

विदेश मंत्रालय की ओर से बस इतना कहा गया था कि- सीमा पर चीन के साथ वह शांति और धैर्य बनाए रखने का पक्षधर है। साथ ही यह भी कहा था कि- सीमा के बारे में अगर साझा विचार होता तो इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता था। इस दौरान यह खबर भी सामने आई है कि उत्तर सिक्किम के कई इलाकों में भी अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है।

चीन ने दी सुरक्षा मजबूत करने की खबर

चीन के सरकारी मीडिया में यह खबर सामने आई है कि अक्साई चिन क्षेत्र की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने सीमा नियंत्रण उपायों को और मजबूत किया है। सरकारी 'ग्लोबल टाइम्स' में सेना के अज्ञात सूत्रों के हवाले से खबर है कि- 'गलवान घाटी क्षेत्र में चीनी क्षेत्र में हाल में भारत की ओर से अवैध रक्षा निर्माण के बाद चीन ने यह कदम उठाया है।'

भारत-नेपाल के बीच भी तनातनी

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार- उत्तराखंड में धारचूला को लिपुलेख दर्रे के साथ जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क पर निर्माण को लेकर भारत और नेपाल में तनातनी सामने आई है। लिपुलेख दर्रा कालापानी के पास स्थित है। यह नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमावर्ती क्षेत्र है। दोनों देश इस पर अपना दावा करते रहे हैं। चीनी मीडिया में मंगलवार को कहा कि कालापानी भारत और नेपाल के बीच का मामला है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों पड़ोसी देश 'एकतरफा' कार्रवाई से बचेंगे और बातचीत से इसका उचित हल निकालेंगे।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments