Breaking News

अमरीकी स्वास्थ्य संस्था का दावा, कोरोना वायरस के नए लक्षण सामने आए

वाशिंगटन। कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की पहचान बुखार, कफ, थकान, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों से होती रही है। मगर अब कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें इन लक्षणों के न होने के बावजूद मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। यानी बहुत से लोग संक्रमित तो होते हैं लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते। इस बीच अमरीका में कोरोना संक्रमण के नए लक्षणों (Coronavirus new symptoms)की पहचान की गई है।

कोरोना संकट से निपटने में नाकाम रही इमरान सरकार, सेना को दी गई अहम जिम्मेदारियां

कोरोना वायरस के नए लक्षण

अमरीका में जन स्वास्थ्य की सबसे बड़ी संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) इन लक्षणों को सामने लेकर आया है। सीडीसी के अनुसार ठंड लगना, ठंड से शरीर कंपकपाना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, गले में खराश और स्वाद या गंध की पहचान न होना भी कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट किया है कि नाक बहना आम बात है। वहीं छींकना कोरोना वायरस का लक्षण नहीं है।

पहले बताए गए थे ये लक्षण

सीडीसी ने शुरुआती दिनों में कहा था कि बुखार, कफ, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण कोरोना वायरस के होने को दर्शाते हैं। मगर अब बदली परिस्थिति में नए लक्षण सामने आए हैं। गौरतलब है कि कुछ ही माह पहले चीन से निकले इस वायरस ने अब तक दुनियाभर में 29 लाख 71 हजार लोगों को संक्रमित किया है। वहीं 2 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

मरीजों में कई अन्य तरह के लक्षण

सीडीसी के अनुसार कोविड-19 से संक्रमित लोगों में कई प्रकार के लक्षण हैं। कुछ में हल्के लक्षण होते हैं तो कुछ गंभीर रूप से बीमार होते हैं। वायरस के संपर्क में आने के 2-14 दिन में ये लक्षण सामने आते हैं। सीडीसी का कहना है कि शरीर हमे सचते करता है कि इन लक्षणों के होने पर इलाज होना जरूरी है। इनमें सांस लेने में तकलीफ, छाती में लगातार दर्द या दबाव, चेहरा या होंठ नीला पड़ना आदि शामिल हैं। इसके अलावा कई तरह के दूसरे लक्षण भी दिखे हैं।

सामने आ रहे हैं नए लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन और सीडीसी के अनुसार पहले के लक्षण अब लोगों में कम दिखाई दे रहे हैं। अब नए लक्षणों में लोगों ने स्वाद और सूंघने की शक्ति खोने की शिकायत की है। कुछ मामलों में दस्त जैसे गेस्ट्रो के लक्षण भी सामने आए हैं। कुछ युवा मरीजों के पैरों पर बैंगनी या नीले रंग घाव भी उभरे। अमरीका में कुछ डॉक्टरों ने पाया कि 30 से 40 वर्ष के मरीजों में अचानक स्ट्रोक खतरा बढ़ गया है। खून का थक्का बनना इसकी वजह बताई जा रही है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments