पालघर लिंचिंग : व्हाट्सएप से फैली थी अफवाह, सरपंच ने बताई सच्चाई
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पालघर (Palghar Lynching) में हुई मॉब लिंचिंग में हुई तीन लोगों की निमर्म हत्या ने सियासी महकमे में हलचल मचा दी है। हर कोई एक-दूसरे पर आरोप लगा रहा है। इसी बीच गढ़चिंचले की सरपंच ने घटना की आंखोंदेखी बताई। उन्होंने बताया कि कैसे व्हाट्सएप पर फैली एक छोटी-सी अफवाह के चलते एक बड़ी घटना घटित हो गई। अगर समय रहते इस पर ध्यान दिया जाता तो आज हकीकत कुछ और होती।
महाराष्ट्र (Maharastra) और दादर-नागर हवेली के बॉर्डर के बीच में रहने वालीं गढ़चिंचले की सरपंच (Sarpanch) चित्रा चौधरी ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को बताया कि उन लोगों ने रात में गाड़ी के आने की आवाज सुनी थी। साथ ही कई लोगों को हाथों में लाठी-डंडे लिए जाते हुए भी देखा था। उन्हें समझ नहीं आया कि अचानक क्या हो रहा है। जब इसकी सूचना दूसरे लोगों को दी तो वह उनके साथ मौके पर पहुंंची। उन्होंने देखा कि उनके और आस-पास के गांवों से आए हुए लोगों की भीड़ लगी हुई है। कार में चारों ओर चीख-पुकार मची हुई थी। मैं एक को पीछे और फिर दूसरे को खींचने की कोशिश कर रही थी, लेकिन एक पुरुष मुझ पर चिल्ला पड़ा। “उस शख्स ने मुझे बताया कि मैं अपने बच्चों की किडनी कार में बैठे लोगों को सौंपने के लिए स्वतंत्र हूं।
सरपंच के मुताबिक इलाके में कुछ दिनों से व्हाटसएप पर एक अफवाह फैली हुई थी। जिसमें बताया गया कि बच्चों का चोर गिरोह सक्रिय है, जो उनकी किडनी निकाल कर बेचता है। जब लोगों ने रात के अंधेरे में गाड़ी को वहां रुकता देखा तो लोगों को शक हुआ कि ये वही गिरोह के सदस्य है, लेकिन सरपंच ने हैरानी जताई कि पल भर में 400 से ज्यादा लोग कैसे इकट्ठा हो गए। बिना किसी सूचना के इतने लोगों को आना नामुमकिन है। फिलहाल वह चाहती हैं कि गुनहगारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और सबको न्याय मिल सके।
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