Breaking News

केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा -  कोरोना किट बनाने में 1 महीने कें अंदर भारत हो जाएगा आत्मनिर्भर

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ( Union Minister Dr Harshvardhan ) ने कहा है कि स्वदेशी रैपिड टेस्ट और आरटी-पीसीएस किट ( RT-PCS Kit ) बनाने के मामले में मई, 2020 तक भारत आत्मनिर्भर हो जाएगा। इसके बाद कोरोना टेस्ट के लिए भारत की चीन से आयातित किट पर निर्भरता भी समाप्त हो जाएगी।

इससे पहले उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग ( DBT ) और उसके स्वायत्त संस्थानों बीआईआरएसी तथा बीआईबीसीओएल द्वारा कोविड संकट से निपटने के लिए विशेष रूप से वैक्सीन, तथा स्वेदशी रैपिड टेस्ट और आरटी-पीसीआर नैदानिक किट विकसित करने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने आनुवांशिक अनुक्रमण ( Genetic sequencing ) के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि ये अनुवांशिक अनुक्रमण के प्रयास मुझे 26 साल पहले के पोलियो उन्मूलन अभियान ( Polio Eradication Campaign ) की याद दिलाती है।

DMC अध्यक्ष जफरूल इस्लाम ने की जाकिर नाइक की तारीफ, नाराज BJP ने की कार्रवाई की मांग

केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन बताया कि उस समय भी पोलियो वायरस ( Polio Virus ) के संक्रमण की अवस्थाओं को उजागर करने के लिए आनुवांशिक अनुक्रमण का उपयोग किया गया था, जो भारत से पोलियो उन्मूलन अभियान को सफल बनाने में मददगार साबित हुआ था।

डॉ. हर्षवर्धन ने 150 स्टार्ट अप्स को दी जा रही मदद के लिए बीआईआरएसी के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने इस मौके पर बीआईबीसीओएल के एक सार्वजनिक उपक्रम द्वारा बनाया गया हैंड सैनिटाइजर भी जारी किया। इस सैनिटाइजर की प्रत्येक बोतल की बिक्री से मिलने वाली रकम में से एक रुपया पीएम केयर्स कोष में जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि एक सप्ताह के दौरान देश के 80 जिलों में एक भी नया केस सामने नहीं आया। 47 जिले ऐसे हैं जहां बीते 14 दिन में कोई मामला नहीं मिला है। उन्होंने आगे बताया कि 39 जिलों में 21 दिन से कोई मामला नहीं मिला है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश के 300 जिले हॉटस्पॉट नहीं है, जबकि 129 जिले कोरोना के मरीज मिलने के बाद हॉटस्पॉट घोषित किए गए हैं।

जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने बनाया कोविद-19 की पहचान करने वाला उपकरण, जानिए कैसे करेगा काम

समीक्षा बैठक के बाद डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने बताया कि डीबीटी ने कोविड से निपटने के लिए तत्काल समाधान के साथ ही साथ दीर्घकालिक तैयारियों के लिए एक बहु-आयामी अनुसंधान रणनीति और कार्य योजना तैयार की गई है। इस बहुपक्षीय प्रयासों में कोविड के लिए फ्लू जैसा टीका विकसित करने के साथ ही होस्ट और पैथोजन पर स्वदेशी डायग्नोस्टिक्स जीनोमिक अध्ययन शामिल है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments