चंद्रयान-2 की असम में धूम, इस बार ISRO की उपलब्धियों पर केंद्रित गुवाहाटी का दुर्गा पूजा पंडाल

नई दिल्ली। देश भर में दुर्गा पूजा धूमधाम से जारी है। दुर्गा पंडालों को भव्य रूप देने का काम भी अंतिम चरण में पहुंच गया है। कोलकाता का दुर्गा पंडाल अपनी भव्यता और प्रभाव के लिहाज से हर साल चर्चा में होता है। लेकिन इस बार एक अद्भुत पंडाल गुवाहाटी में लगाया गया है, जहां माता दुर्गा आज से विराजेंगी। उन्हीं के साथ पूरे पंडाल में इसरो का मून मिशन चंद्रयान-2 को उसके ऐतिहासिक उपलब्धियों के साथ दर्शाया गया है।
Assam: A #DurgaPuja pandal in Guwahati has been designed on theme of ISRO&its 50 yrs. Debitor Basu of the committee says, "This yr we've depicted 50 yrs of ISRO & 100th birth anniversary of Vikram Sarabhai. We've shown ISRO's journey from the beginning till Chandrayaan 2." (3.10) pic.twitter.com/BGhEviBkpP
— ANI (@ANI) October 3, 2019
पंडाल में इसरो के उपलब्धियों की धूम
गुवाहाटी के इस पंडाल में इसरो और उसके 50 साल की थीम पर इस पंडाल को डिजाइन किया गया है। समिति के संयोजक ऋणदाता बसु ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्ष हमने इसरो के 50 वर्ष और विक्रम साराभाई की 100वीं जयंती का चित्रण किया है। हमने इसरो की यात्रा को शुरू से लेकर चंद्रयान-2 तक दिखाया है। इस पंडाल में चंद्रयान की भव्य तरीके से सजाया गया।

प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन
गांधी जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने लोगों से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने की अपील देश की जनता से की है। इसका असर मेघालय के दुर्गा पंडालों में दिखने लगा है। केंद्रीय पूजा समिति (सीपीसी) ने राज्य की सभी दुर्गा पूजा समितियों को एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें उन्हें उत्सव के दौरान प्लास्टिक के इस्तेमाल से दूर रहने को कहा गया है।
सीपीसी के अध्यक्ष नबा भट्टाचार्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के आह्वान पर समिति आगामी दुर्गा, काली और छठ पूजा के दौरान प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के प्रयास करेगी।
पश्चिम बंगाल में मां की ये प्रतिमा है खास
दूसरी तरु कोलकाता में करीब 50 किलो सोने से तैयार मां दुर्गा की प्रतिमा को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। यहां तक की रात को ही नहीं, बल्कि दिन में भी लोग कतारबद्ध प्रतिमा का दर्शन करते दिख रहे हैं। सियालदह के संतोष मित्र स्क्वायर सार्वजनिन दुर्गोत्सव कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप घोष ने बताया कि इस प्रतिमा के निर्माण में लगभग 17 करोड़ रुपए की लागत आई है। बहूबाजार के एक स्वर्ण व्यवसाय करने वाली कंपनी ने सोना उपलब्ध कराया।
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