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महाराष्‍ट्र: आरे कॉलोनी में पेड़ काटने पर बवाल, शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी सहित 100 गिरफ्तार

नई दिल्‍ली। मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ काटने का मामला गरमा गया है। एक तरफ शिवसैनिक पेड़ काटने को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं तो दूसरी तरफ मुंबई पुलिस ने आरे कॉलोनी के 3 किलोमीटर के एरिया में धारा 144 लागू कर दिया है। इसके बावजूद शिवसैनिकों का उग्र प्रदर्शन जारी है।

प्रदर्शनकारियों को लीड करने और धारा 144 का उल्‍लंघन करने के आरोप में मुंबई पुलिस ने शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी को हिरासत में ले लिया है। स्‍थानीय पुलिस ने प्रियंका चतुर्वेदी के साथ 100 से ज्‍यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने की बैरिकेडिंग

उग्र प्रदर्शन को देखते हुए आरे कॉलोनी के पास पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए हैं। आरे कॉलोनी में किसी को घुसने की इजाजत नहीं है। प्रदर्शनकारी आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं। इसके बावजूद प्रदर्शन जारी है।

करीब 1 हजार पेड़ काटे

इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई की आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने वाली सभी याचिकाओं को पहले ही खारिज कर चुकी है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद आरे कॉलोनी में शुक्रवार देर रात पेड़ काटने का काम भी शुरू हो गया।

इसके विरोध में कई प्रदर्शनकारी मौके पर पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों ने मेट्रो रेल साइट पर जमकर नारेबाजी की। इस बीच पुलिस ने आरे की तरफ जाने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेड लगा दिए हैं।

सूत्रों के मुताबिक अभी तक 800 से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। पेड़ काटने के लिए और मशीन्स साइट पर मंगवाई गई हैं। दमकल विभाग की टीम भी मौके पर मौजूद है। आरे कॉलोनी इलाके के 3 किलोमीटर के रेडियस में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। शुक्रवार रात को 100 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। मीडिया को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं है। शुक्रवार की रात प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी।

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आदित्‍य ठाकरे ने ट्वीट कर किया विरोध

इस बीच पेड़ काट जाने पर कई मशहूर हस्तियों ने भी विरोध जताया है। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर विरोध जताया कि इशारों-इशारों में केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह से जंगल काटे जा रहे हैं तो प्लास्टिक प्रदूषण पर बोलने का कोई फायदा नहीं है।

दरअसल, आरे कॉलोनी में 2600 से ज्यादा पेड़ों को काट कर मेट्रो कार शेड बनाए जाने के खिलाफ लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। एमएमआरसीएल का कहना है कि उनके पास पेड़ काटने की अनुमति है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एमएमआरसीएल ये पेड़ तभी काट सकता है, जब परमिशन को म्युनिसिपल कारपोरेशन के वेबसाइट पर अपलोड होने के 15 दिन बीत चुके हों।



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