चंद्रयान-2: NASA की मदद से 'विक्रम' लैंडर को पैरों पर खड़ा करेगा ISRO?

नई दिल्ली। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन ( ISRO ) ने चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को ढूंढ निकाला है। इसरो के अनुसार लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हुई, जिसकी वजह से वह चांद की सतह से टकरार कर गिर गया।
हालांकि इस दौरान लैंडर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इसरो के वैज्ञानिक अब लैंडर विक्रम से संपर्क साधने का प्रयास कर रहे है।
वैज्ञानिकों की कोशिश है कि लैंडर को उसके पैरों पर खड़ा किया जाए।
माना जा रहा है कि इसके लिए इसरो अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा ( NASA ) की मदद लेने पर भी विचार कर रहा है।
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जानकारी के अनुसार इसरो लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए ( NASA ) की मदद ले सकता है।
इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि नासा का एक मिशन 'लूनर रीकॉनिसेंस ऑर्बिटर LRO चंद्रयान-2 की अपेक्षा चांद के ज्यादा करीब चक्कर लगा रहा है।
इसरो को उम्मीद है कि LRO की मदद से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
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दरअसल, नासा के इस ऑर्बिटर ने चांद की 3डी तस्वीरें खींची हैं। यह तस्वीरें इतनी साफ हैं कि इनमें चंद्रमा में हो रहे पल—पल के बदलावों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
ऐसे में इसरो अगर नासा की मदद लेती है तो लैंडर विक्रम की सटीक लोकेशन और पोजिशन का पता लगाया जा सकता है।

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