DMC फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने BJP सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की

नई दिल्ली। दिल्ली में सरकारी जमीन पर गैरकानूनी तरीके से बनाई गई मस्जिदों का मुद्दा एक बार फिर गरमा सकता है। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ( DMC Fact Finding Committee ) ने अपनी रिपोर्ट में भाजपा सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा के आरोपों को झूठ का पुलिंदा करार दिया है।
कार्रवाई की सिफारिश
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ( DMC Fact Finding Committee ) ने जांच के दौरान भाजपा सांसद के दावों को गलत पाया है। फैक्ट फाइंडिग कमेटी ने अल्पसंख्यक आयोग से सिफारिश की है कि भाजपा सांसद ने गलत तथ्य, अफवाह फैलाकर और एक समुदाय को टारगेट करने का काम किया है।
दिल्ली में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है। इसके लिए आयोग उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे।
कमेटी ने ये भी सिफारिश की है कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग लोकसभा आचार समिति को भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ( BJP Parvesh Verma) खिलाफ शिकायत दे।
Fact-finding Committee of Delhi Minorities Commission: We have given 8 recommendations to Commission,one of them to start legal proceedings & lodge an FIR against BJP MP parvesh verma for spreading rumours against a particular community & trying to disturb peace&harmony in Delhi pic.twitter.com/7TkPdJhRSf
— ANI (@ANI) August 2, 2019
68 स्थानों पर जांच के लिए पहुंची कमेटी
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कुल 58 मस्जिद, 3 मजार, 3 मदरसे, 3 कब्रिस्तान और एक इमामबाड़े की पड़ताल की। इसमें वे मस्जिदें भी शामिल हैं जिन पर प्रवेश वर्मा ने सवाल उठाए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी जमीन पर मस्जिद और कब्रिस्तान बनाने के प्रवेश वर्मा के दावे झूठे हैं। भाजपा सांसद द्वारा चिन्हित 8 जगह पर कोई मस्जिद, मजार, मदरसा या कब्रिस्तान नहीं मिला।
वहां या तो खाली प्लॉट मिला या पता ही गलत निकला। भाजपा सांसद की लिस्ट में एक मस्जिद जो 1617 में बनी थी वो दिल्ली वक्फ बोर्ड की जमीन पर है। उसे भाजपा सांसद ने अपनी लिस्ट में सरकारी जमीन पर दिखाया था।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 23 मस्जिद और एक इमामबाड़ा की तरफ से सरकार को जमीन अलॉटमेंट के लिए पत्र भी लिखा गया लेकिन पिछले कई दशक से इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। ये अभी भी पेंडिंग है।

मस्जिद बनाने के लिए मिली जमीन
कमेटी ने पाया कि 2 कब्रिस्तान 2 मस्जिद और 1 मदरसा दिल्ली वक्फ बोर्ड का है। इसे सांसद ने सरकारी जमीन पर बताया था। 7 मस्जिदों को जमीन डीडीए, डीयूएसआईबी, ग्राम सभा के तहत मिली हुई है। जमीन मस्जिद बनाने के लिए मिली थी।
भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने लगाए थे ये आरोप
भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में 54 मस्जिदें सरकारी जमीन पर गैरकानूनी तरीके से बनी हैं। इनका निर्माण पिछले 20 साल में हुआ है।
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