उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देशहित में बताया आर्टिकल 370 पर केंद्र का फैसला

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के निष्क्रिय होने के बाद उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने केंद्र सरकार के इस कदम को राष्ट्रहित में बताया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले इस आर्टिकल को रद्द करना पूरी तरह से राष्ट्रहित में है। उन्होंने विपक्षी पार्टियों से अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम को सियासी चश्मे से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय के नजरिए से देखा जाना चाहिए।
Vice President: That's (abrogation of Article 370) the need of the hour. It's a good thing...We must always remember the history, analyse what happened, what not happened & then move forward. Abrogation of #Article370 is in interest of the nation,its future,security,safety.(11.8) pic.twitter.com/RRXRScZ1PY
— ANI (@ANI) August 11, 2019
दरअसल, उपराष्ट्रपति अपने 2 साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रकाशित एक किताब के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने न्यायपालिका के मसले पर स्थायी समिति की सिफारिश का जिक्र भी किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सुप्रीम कोर्ट की पीठें विभिन्न नगरों में स्थापित होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने समय की मांग को देखते हुए देश के चार महानगरों में सुप्रीम कोर्ट की पीठों का होना जरूरी बताया। इसके लिए उन्होंने चेन्नई का नाम सबसे पहले लिया। इस दौरान उन्होंने न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए उसकी समीक्षा पर जोर दिया।
उपराष्ट्रपति नायडू ने मौकापरस्त राजनीति और दल-बदल कानून की समीक्षा को भी समय की मांग बताया। नायडू ने कहा कि यह समय विधायिका और कार्यपालिका दोनों को सशक्त बनाने का है। ऐसे में इसके लिए सुधार के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाने चाहिए।
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