बाढ़ से बदहाल: बिहार और असम में अब तक 139 की मौत, एक करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित

नई दिल्ली। बिहार और असम में बाढ़ ( Bihar-Assam flood ) विकराल रूप धारण करता जा रही है। भीषण बाढ़ से अब तक दोनों राज्यों में कुल 139 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक करोड़ से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसमें बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। दोनों राज्यों में युद्धस्तर पर राहत-बचाव कार्य जारी है।

बिहार में 92 की मौत
बिहार में बाढ़ ( Bihar-Assam Flood Updates ) से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य में बाढ़ से अब तक 92 लोगों मौत हो चुकी है।
जबकि, 12 जिलों में लगभग 67 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि सीतामढ़ी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है।
वहीं, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन लाख से ज्यादा पीड़ित परिवारों के लिए 180 करोड़ की सहायता राशि मुहैया कराई है।
इसके अलावा मधुबनी में 14, अररिया में 12, शेहर में 10, दरभंगा और पूर्णिया में नौ-नौ, किशनगंज में पांच, सुपौल में तीन, पूर्वी चंपारण में दो और सहरसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
बाढ़ प्रभावित 12 में से केवल दो जिलों मुजफ्फरपुर और कटिहार में अब तक कोई मौत नहीं हुई है। वहीं, 1,107 पंचायतों में कुल 66.76 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं।
इधर, दरभंगा जिला के करजापट्टी गांव में लोगों ने बाढ़ का पानी रोकने के लिए बालू भरे बोरे और बांस की मदद ली है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन उनकी मदद के लिए कुछ नहीं कर रहा है। ऐसे में वे खुद ही पानी रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
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असम में 47 लोगों की मौत
पूर्वोत्तर राज्यों में भी बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। अकेले असम में बाढ़ ( Deaths in Bihar-Assam Flood ) से 47 लोगों की मौत हो चुकी है।
जबकि, 33 में से 30 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। असम में इस साल बाढ़ से अब तक 48.87 लाख लोग पीड़ित हो चुके हैं।
अधिकारियों का कहना है कि कुल 1.79 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न थी और लगभग काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में 90 प्रतिशत पानी भरा हुआ है।
ASDMA का कहना है कि 3,705 गांवों के 48.87 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। शिवसागर और उदलगुरी में बाढ़ का पानी कम हो गया है और विस्थापित लोग घर लौट गए हैं।
ब्रह्मपुत्र, गोलपारा और धुबरी में पानी खतरे के निशान से ऊपर है। 1.47 लाख से अधिक विस्थापित लोग अब 755 राहत शिविरों में और प्रशासन द्वारा स्थापित 304 राहत वितरण केंद्रों में रह रहे हैं।
हालांकि, कई लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें नावों में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। क्योंकि, कई शिविरों में पर्याप्त राहत सामग्री या आवास उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
एएसडीएमए का यह भी कहना है कि बाढ़ से 22 लाख बड़े और छोटे जानवर प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा 23 लाख पोल्ट्री पक्षी भी प्रभावित हुए हैं।
NDRF और SDRF की टीमें सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत-बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
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बाढ़ के बीच भूकंप का झटका
पूर्वोत्तर राज्यों में शुक्रवार को बाढ़ के बीच भूकंप (Earthquake in flood Affected Area ) ने भी लोगों को परेशान किया।
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश में कुछ ही मिनटों में रिक्टर पैमाने पर 5.6, 3.8 और 4.9 की तीव्रता वाले तीन भूकंप के झटके महसूस किए गए।
इसके अलावा असम और नागालैंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, इस दौरान किसी भी तरह के जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
मेघालय में 1.3 लाख लोग प्रभावित
बाढ़ से देश ( Flood In India ) के कई राज्य प्रभावित हुए हैं। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने वेस्ट गारो हिल्स जिला और खासी हिल्स क्षेत्र के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र सरकार से सहायता मांगी है।
बाढ़ की वजह से राज्य में 1.3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। जबकि, मिजोरम में 5,000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।
पिछले सात दिन में हुई भारी बारिश की वजह से बनी बाढ़ की स्थिति के बाद 4,000 लोगों को खाली कराया जा रहा है।

उप्र की नदियों में उफान, कई जिले बाढ़ की चपेट में
उत्तर प्रदेश में नदियों के उफान के कारण कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
राप्ती नदी खतरे के निशान को पार कर गई है, जिस वजह से बलरामपुर-तुलसीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन बंद हो गया है।
बेलहा डिप पर करीब तीन फीट पानी तीव्र गति से बह रहा है। बाढ़ से करीब 350 तटवर्ती गांव प्रभावित हुए हैं।
गौरतलब है कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एनडीआरएफ की 1
00 से ज्यादा टीमें राहत-बचाव कार्य में लगी हुई हैं। स्थिति पर काबू पाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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