लोकसभा में आज नये सिरे से पेश होगा तीन तलाक बिल, JDU-कांग्रेस करेंगी विरोध

नई दिल्ली। मोदी सरकार 2.0 का आगाज हो चुका है। नई सरकार के गठन के बाद सदन का पहल सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। आज एक बार फिर लोकसभा ( Lok Sabha ) में तीन तलाक बिल ( triple talaq Bill ) पेश किया जाएगा। इस बिल को केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ( ravi shankar prasad ) पेश करेंगे।
मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) था। लोकसभा में पास होने के बाद यह बिल राज्य सभा से पास नहीं हो पाया था। सदन भंग होने के कारण एक बार फिर नये सिरे से इस बिल को लाया जा रहा है।
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JDU करेगी बिल का विरोध
तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) को लेकर मोदी सरकार को कई पार्टियों का समर्थन है। लेकिन, कुछ दल इस बिल का विरोध भी कर रही हैं। विरोध करने में बीजेपी ( BJP ) के सहोयगी दल जनता दल यूनाइटेड ( JDU ) और कांग्रेस पार्टी शामिल हैं।
जेडीयू ने गुरुवार को ऐलान किया है कि वह तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) पर एनडीए ( NDA ) का समर्थन नहीं करेगी। नीतीश सरकार में मंत्री श्याम रजक ने कहा कि जेडीयू तीन तलाक बिल के खिलाफ है और हम लगातार इसका विरोध करेंगे। श्याम रजक ने कहा कि यह एक सामाजिक मुद्दा है और समाज के जरिए इसका हल निकाला जाना चाहिए। गौरतलब है कि बिहार के सीएम और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार भी तीन तलाक बिल का विरोध कर चुके हैं।
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तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) का कांग्रेस ने किया विरोध
जेडीयू के साथ-साथ कांग्रेस ने भी तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) के विरोध का ऐलान किया है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस बिल में कुछ प्रावधानों पर बहस की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बिल पर कांग्रेस ने कुछ बुनियादी मुद्दे उठाए हैं और सरकार कई बिंदुओं पर सहमत है। सिंघवी ने कहा कि सरकार अगर पहले ही हमारी बात मान लेती तो काफी समय बच गया होता।

यहां आपको बताते चलें कि मोदी कैबिनेट ने बुधवार को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी। यह फरवरी में लाए अध्यादेश की जगह लेगा। मोदी सरकार का कहना है कि यह बिल लैंगिक समानता और लैंगिक न्याय सुनिश्चित करेगा। साथ ही शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा भी करेगा और 'तलाक-ए-बिद्दत' को भी रोकेगा।
पिछले साल दिसंबर में तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) लोकसभा में पास हो गया था। लेकिन, राज्य सभा में संख्या बल कम होने के कारण बिल पास नहीं हो पाया। इस बिल में पत्नी को इंस्टेंट तीन तलाक देने वाले मुस्लिम शख्स के लिए तीन साल सजा का प्रावधान है।
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