डॉक्टर्स ने हड़ताल में दिए नरमी के संकेत, CM ममता बनर्जी से बातचीत को हुए तैयार
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से शुरू हुई डॉक्टरों की हड़ताल TMC सरकार के झुकने के बाद नरम पड़ती नजर आ रही है। हड़ताल पर बैठे डॉक्टर्स ने शनिवार देर रात अपने अडियल रुख में नरमी के संकेत दिए हैं। आपको बता दें कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता कर डॉक्टरों की सभी मांगें मानने की बात कही थी, बावजूद इसके डॉक्टर्स हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं थे। लेकिन देर रात आपसी बातचीत के बाद डॉक्टर्स ने ममता बनर्जी से मुलाकात पर अपनी सहमति जताई।
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ईमानदार कदम नहीं उठाया गया
CM ममता बनर्जी की प्रेस वार्ता पर जूनियर डॉक्टरों का कहना था कि समस्या को सुलझाने के लिए सरकार की ओर से जरूरी और ईमानदार कदम नहीं उठाया गया है। इसलिए यह हड़ताल जारी रहेगी। तभी से यह आशंका जताई जा रही कि रविवार को भी डॉक्टर्स हड़ताल पर बने रहेंगे। लेकिन जूनियर डॉक्टरों ने देर रात आपसी बातचीत के बाद ममता बनर्जी से मुलाकात करने पर सहमति जताई। हालांकि वो कब और कहां मिलेंगे अभी तक इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
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ममता बनर्जी ने दिया आश्वासन
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को एक बार फिर राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की और आश्वासन दिया कि सरकार उनके खिलाफ एस्मा (आवश्यक सेवा प्रतिरक्षण अधिनियम) लागू नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समस्या का 'शांतिपूर्ण समाधान' खोजने की दिशा में काम कर रही है और अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करने की मांग पर विचार के लिए तैयार है।
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ड्यूटी पर लौटने का इंतजार
ममता बनर्जी की प्रेस वार्ता पर डॉक्टरों के संयुक्त मोर्चे के प्रवक्ता का कहना था कि सभी डॉक्टर्स काम पर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस समस्या के निस्तारण के लिए ईमानदारी से प्रयास नहीं किए हैं। यही नहीं उन्होंने यह भी झूठ बोला कि कुछ डॉक्टर उनसे मिलने के लिए सचिवालय गए थे। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि वे मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस समस्या के निपटाने के लिए आगे आने को तैयार हैं।
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ये थीं डॉक्टर्स की शर्तें
- CM ऑफिस को इस हमले की निंदा करनी होगी।
- CM को बिना शर्त पूरे मामले के लिए माफी मांगनी होगी।
- राज्य सरकार को इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी होगी।
- डॉक्टरों ने सभी स्वास्थ्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार करना होगा।
- CM ममता बनर्जी को हमलावरों पर की गई कार्रवाई का सबूत देना होगा।
- जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट के खिलाफ दर्ज झूठे केस वापस लेने होंगे।
- CM ममता बनर्जी को हॉस्पिटल पहुंचकर घायल डॉक्टरों का कुशलक्षेम पूछना होगा।
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क्या है पूरा मामला
बीते 10 जून को कोलकाता के नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे एक 75 वर्षीय मरीज की मौत हो गई थी। मरीज के मौत से गुस्साए उसके परिजनों ने हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के साथ गाली-गलौज व अभद्रता भी की। इस पर डॉक्टरों ने उनसे माफी मांगने को कहा। ऐसा न करने पर डॉक्टर्स मांग पर अड़ गए कि जब तक मृतक के परिजन माफी नहीं मांग लेते, तब तक उसका डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। इससे गुस्साए मृतक पक्ष के लोगों ने हॉस्पिटल में डॉक्टर्स पर हमला कर दिया, जिसमें कई डॉक्टर्स को गंभीर चोटें आईं।
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