Chamki Bukhar: बिहार में 160 से ज्यादा बच्चों की मौत, मुजफ्फरपुर के 1222 आंगनबाड़ी केंद्रों की होगी जांच

नई दिल्ली। मानसून के आने के बाद बिहार में चमकी बुखार ( chamki bukhar ) यानी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस ( aes ) का प्रकोप कम होने लगा है। हालांकि, इस बीमारी से पूरे प्रदेश में अब तक 160 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। अकेले मुजफ्फरपुर में इस बीमारी ने 132 बच्चों की जिंदगी छीन ली। अब राज्य सरकार ने मुजफ्फरपुर ( Muzaffarpur ) के पांच प्रखंडों के 1222 आंगनबाड़ी केंद्रों ( Aanganwadi Centers ) में जांच कराने का निर्णय लिया है।

मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा कहर
चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) से बिहार के करीब 16 जिले प्रभावित हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर जिले में देखने को मिला। इस बीमारी से यहां अब तक 132 बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके बाद सबसे ज्यादा पूर्वी चंपारण में 21 बच्चों की मौत हुईं हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने अब मुजफ्फरपुर के पांच प्रखंडों के 1222 आंगनबाड़ी केंद्रों में जांच कराने का निर्णय लिया है।
बिहार के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि जांच टीम में समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पीएचइडी, ग्रामीण विकास एवं खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। मंत्री का यह भी कहना है कि जांच करने वाली टीम की निगरानी मुख्य सचिव के स्तर से की जाएगी।
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इन पांच प्रखंडों में होगी जांच
मंत्री रामसेवक सिंह ने बताया कि जिन पांच प्रखंडों में जांच होगी उनमें बोचहा ( 187 आंगनबाड़ी केन्द्र), मुसहरी ( 261 आंगनबाड़ी केन्द्र ), पारू ( 292 आंगनबाड़ी केन्द्र ), मीनापुर ( 259 आंगनबाड़ी केन्द्र) और कांटी ( 223 आंगनबाड़ी केंद्र ) शामिल हैं।
इस साल 600 से ज्यादा बच्चे हुए चमकी बुखार के शिकार
जनवरी से लेकर जून महीने तक चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) से प्रदेश में कुल 605 बच्चे प्रभावित हुए हैं। इनमें 373 बच्चों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहीं, करीब 25 मरीज बिना इजाजत के गायब हो गए।
चमकी बुखार पर जारी है सियासत
चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) से बच्चों की मौत पर सियासत भी जारी है। गुरुवार को दिल्ली में इंडियन यूथ कांग्रेस ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के आवास की घेराव की और जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया। इधर, बिहार के वैशाली जिले के हरिवंशपुर गांव के लोगों का कहना है कि वे लोग राज्य सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Narendra Modi ) भी इस मामले को संसद में उठा चुके हैं। बुधवार को संसद के उच्च सदन राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चमकी बुखार का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे लिए नाकामी है और शर्मिंदगी की बात है। उन्होंने कहा कि हम लगातार राज्य सरकार से संपर्क में हैं और कोशिश करेंगे की आगे से इस तरह का संकट न आए।
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