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चमकी बुखार: बिहार के 16 जिलों में फैला कहर, मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा 122 की मौत

नई दिल्ली। chamki bukhar ( चमकी बुखार ) यानी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस ( AES ) का कहर बिहार में लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी से पूरे प्रदेश में अब तक कुल 155 बच्चों की मौत हो चुकी है। आलम ये है कि मुजफ्फरपुर के साथ-साथ इस बीमारी का प्रकोप अब राज्य के 16 जिलों में फैल चुका है।

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मुजफ्फरपुर में 122 बच्चों की मौत

Chamki Bukhar ( चमकी बुखार ) से जहां राज्य में 155 बच्चों की मौत अब तक हो चुकी है। वहीं, अकेले मुजफ्फरपुर में इस बीमारी से 122 बच्चों की जान जा चुकी है। इसके अलावा, समस्तीपुर, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी, अररिया, सीवान, मोतिहारी, बेतिया, सारण, वैशाली में भी इस बीमारी से कई बच्चों की मौत हो चुकी है।

600 से अधिक बच्चे Chamki Bukhar ( चमकी बुखार ) से पीड़ित

वहीं, सरकारी आंकड़ों की बात करें तो 16 जिलों में चमकी बुखार से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 136 की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक जून से राज्य में चमकी बुखार के 626 मामले दर्ज हुए हैं। हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार मरने वाले बच्चों की संख्या 136 बताई जा रही है।

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वहीं, Chamki Bukhar ( चमकी बुखार )  का मामला अब राज्य सभा में भी उठेगा। RJD सांसद मनोज झा ने इस बाबत नोटिस भी दिया है।

58 डॉक्टरों की टीम ने संभाला मोर्चा

Chamki Bukhar ( चमकी बुखार ) पर केन्द्र सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए मुजफ्फरपुर के SKMCH 58 डॉक्टरों की टीम इलाज में लगाई है। इनमें 10 डॉक्टर दिल्ली के बड़े अस्पताल के हैं। एम्स से आये दो डॉक्टर भी बीमार बच्चे के इलाज की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। वहीं, पीड़ित बच्चों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने के लिए जिले को आठ एडवांस लाइफ सपोर्ट एबुंलेंस उपलब्ध कराये गये हैं। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर इलाज के लिए पांच बेडों की पीआइसीयू की व्यवस्था की गयी है।

 

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन खुद इस हालात पर नजर बनाए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की रिपोर्ट जल्द मिल सके इसके लिए भी अलग से टीम लगाई गई है। लेकिन, इतना सब होने के बाद भी मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है।

इधर, कई दिग्गज लगातार मुजफ्फरपुर का दौरा कर रहे हैं। नेता, मंत्री और अभिनेता भी पीड़ित बच्चों को देखने पहुंचे। सभी ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। इतना ही नहीं एसकेएमसीएच के कैदी वार्ड को भी आईसीयू ( ICU )में बदल दिया गया है।



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