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CBI दफ्तर नहीं पहुंचे राजीव कुमार, CID ने खत लिखकर कहा- सर अभी छुट्टी पर गए हैं

नई दिल्ली। शारदा चिट फंट घोटाले ( Saradha chit fund ) में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ( Rajeev Kumar ) को सीबीआई ने लुकाआउट नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही सोमवार को पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर तलब किया था। लेकिन अब बंगाल सीआईडी ने सीबीआई को खत भेजकर कहा है कि 'सर छुट्टी पर गए हैं'। कुमार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) के खास माने जाते हैं।

CID ने मांगा तीन दिन का समय

सीआईडी ने कहा है कि उनके चीफ राजीव कुमार निजी काम की वजह से इन दिनों छुट्टी पर हैं। वे अपने गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश गए हैं, लिहाजा पूछताछ के लिए अभी सीबीआई के सामने पेश नहीं हो सकते। सीआईडी ने सीबीआई से राजीव कुमार की पेशी के लिए 3 दिन का वक्त मांगा है।

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कभी भी हो सकती है राजीव कुमार की गिरफ्तारी

सीबीआई को आशंका है कि राजीव कुमार देश छोड़कर जा सकते हैं। इसीलिए लुकाआउट नोटिस जारी करने के बाद सभी हवाई अड्डों और आव्रजन अधिकारियों सर्कुलर जारी किया गया। जिसमें कहा गया है कि वे आईपीएस अधिकारी को एक साल के लिए देश छोड़ने की अनुमति न दें और अगर वह विदेश यात्रा की कोशिश करते हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जाए। सीबीआई कभी भी कुमार को गिरफ्तार कर सकती है।

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रविवार को घर पर नहीं मिले थे कुमार

लुकआउट नोटिस के बाद देर शाम सीबीआई के 4 अधिकारी, राजीव कुमार को नोटिस देने के लिए उनके कोलकाता स्थित आवास (3 नम्बर लाउडन स्ट्रीट) पहुंचे लेकिन वे वहां पर नहीं मिले। इसके बाद सीबीआई ने डीसी साउथ मिराज खालीद को राजीव कुमार के नाम से एडीजी सीआईडी के दफ्तर में नोटिस देकर उन्हें सोमवार 10 बजे से पहले पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा। तय समय खत्म होते ही सीआईडी ने सीबीआई को खत भेजकर कुमार के लिए और मोहलत की मांग कर ली है।

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हिरासत में लेकर पूछताछ चाहती है CBI

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह कुमार से हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है क्योंकि प्रथमदृष्टया सबूत मिले हैं कि राजीव कुमार ने आरोपियों को बचाने की कोशिश की। इसके बाद कोर्ट ने कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के अपने आदेश को वापस ले लिया। अब, शीर्ष अदालत ने सीबीआई को 'कानून के अनुसार कार्य करने' की अनुमति दी है।

क्या है पूरा मामला

राजीव कुमार 1989 बैच के अधिकारी हैं। 2,500 करोड़ रुपए के शारदा चिट फंड घोटाले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन हुआ, जिसका नेतृत्व राजीव कुमार ने किया। आरोप है कि 2013 से 2014 की जांच के दौरान कुमार ने सबूतों से छेड़छाड़ करने और कुछ राजनेताओं को जांच में बचाने का प्रयास किया। जबकि मामले में कई सबूत खुद उन्हीं के खिलाफ हैं। उनपर तथ्यों और कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को दबाने का आरोप है। बाद में सीबीआई ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया।

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