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VIDEO में प्रोफेसर रोमिला थापर ने युधिष्ठिर को अशोक से प्रेरित बताया! सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग

नई दिल्‍ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन की ओर से हाल ही में इतिहासकार रोमिला थापर (Romila Thapar) से मांगे गए सीवी का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि उनके एक वीडियो क्लिप ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है।

एक मिनट की जिस वीडियो क्लिप को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा है उससे ये स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि प्रोफेसर थापर ने इस क्लिप में जो बातें कहीं हैं उसके आगे और पीछे क्या कहा था।

इस बार वायरल वीडियो में रोमिल थापर कहती दिख रही हैं कि महाभारत में धर्मराज युधिष्ठिर का चरित्र सम्राट अशोक से प्रेरित था। 21 सितंबर, 2019 को वायरल हुई इस क्लिप के बाद से लोग दुनिया भर में चर्चित प्रोफेसर रोमिला थापर की योग्यता पर सवाल खड़े करने लगे हैं।

स्‍वामीजी नाम के टि्वटर हैंडलर ने लिखा है कि महाभारत का युद्ध लगभग 3,137 ईसा पूर्व हुआ था। राजा अशोक का समय 304 से 232 ईसा पूर्व है। लेकिन इतिहासकार #RomilaThapar को लगता है कि अशोक से त्याग के युधिष्ठिर प्रेशर हुए थे।

दिनकर शर्मा नाम से एक यूजर ने ट्वीट किया कि शायद संन्यास लेते वक्त युधिष्ठिर के मन में सोनिया गांधी की छवि रही होगी, जिन्होंने मनमोहन सिंह के लिए कुर्सी छोड़ दी।

इसी क्रम में फ्रस्‍ट्रेटेड इंडियन ने ट्वीट किया कि चलो रोमिला थापर ने यह तो नहीं कहा कि राम राज्य नेहरू के शासन से प्रेरित था।

रोमिला के पक्ष में उतरे पटनायक

एक ओर जहां यूजर्स प्रोफेसर थापर के इस बयान पर सवाल उठा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कई बड़ी हस्तियां उनके समर्थन में आ गई हैं। इतिहास और माइथोलॉजी एक्सपर्ट देवदत्त पटनायक ने प्रोफेसर थापर की ओर से दो कालखंडों के बारे में जानकारी देते हुए टि्वटर पर इस पूरे विवाद पर स्पष्टिकरण देने की कोशिश की है।

देवदत्त पटनायक ने टि्वटर पर बताया है कि प्रोफेसर थापर ने जिस युधिष्ठिर नाम के चारित्र का जिक्र किया है वह महाभारत के समय का है जो 2,000 साल पहले लिखा गया है जबकि अशोक के बारे में इतिहास में जो बातें हैं वो 2300 साल पहले की हैं।

लोग मान क्‍यों नहीं लेते रोमिला ब्रह्माानी हैं

द स्किन डॉक्टर नाम के एक यूजर ने लिखा रोमिला थापर ने सही कहा कि युधिष्ठिर ने सम्राट अशोक से प्रेरणा ली। लोगों को मान लेना चाहिए कि सच भी यही है कि अशोक महाभारत के पूरे युद्ध के दौरान युद्धिष्ठिर को गाइड करने के लिए वहीं मौजूद थे।

इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का लगाया आरोप

वीडियो वायरल होने के बाद से सोशल मीडिया यूजर्स के बीच इस बात को लेकर बहस तेज हो गई है कि प्रोफेसर थापर को महाभारत और सम्राट अशोक के काल में अंतर को लेकर शायद जानकारी नहीं है। ट्वीटर यूजर्स उन पर इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं कुछ लोग इस पर उनका मीम्स भी शेयर कर रहे हैं।

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जेएनयू को न बनाएं सड़क छाप संस्‍थान

बता दें कि इतिहासकार रोमिला थापर से कुछ दिन पहले ही जेएनयू ने उनका सीवी मांगा था। प्रोफेसर रोमिला थापर ने अपना सीवी भेजने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस संदर्भ में खत लिखकर अपना रुख साफ कर दिया था।

रोमिला थापर ने कहा था कि कुछ लोग जेएनयू को सड़क छाप संस्थान बना रहे हैं। ये सारी चीजें अनजाने में नहीं हो रही हैं, इसे जान बूझकर किया जा रहा है।



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